उत्तर प्रदेश के बागपत के रठौड़ा गांव में एक विवाहिता ने ससुरालियों के उत्पीड़न और पति से तलाक देने के फैसले से आहत होकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मौत से पहले विवाहिता ने अपने हाथ-पैर पर सुसाइड नोट लिखते हुए पति और ससुराल पक्ष को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।
घटना की जानकारी परिजनों को सुबह उस समय हुई जब उन्होंने विवाहिता को चारपाई पर मृत अवस्था में पाया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और परिजनों की तहरीर पर ससुराल पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रठौड़ा गांव निवासी तेजवीर सिंह की 28 वर्षीय बेटी मनीषा की शादी वर्ष 2023 में गाजियाबाद के सिद्धिपुर निवासी कुंदन के साथ हुई थी। परिजनों का आरोप है कि शादी के कुछ महीनों बाद से ही मनीषा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। बात इतनी बिगड़ गई कि वर्ष 2024 में पिता तेजवीर उसे मायके ले आए, जहां वह पिछले एक साल से रह रही थी।
परिजनों के मुताबिक, तीन दिन पहले मनीषा के ससुराल पक्ष के करीब 20–25 लोग रठौड़ा गांव में आए थे। बातचीत में तलाक का फैसला हो गया था। मनीषा ने स्पष्ट किया था कि वह तब तक तलाक के कागज़ों पर हस्ताक्षर नहीं करेगी जब तक उसका मायके का सामान और पिता द्वारा दिया गया सामान वापस नहीं किया जाएगा। तभी से मनीषा तनाव में थी और अंदर ही अंदर घुट रही थी।
मंगलवार देर रात जब परिवार के लोग सो चुके थे, तब मनीषा ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। सुबह जब परिवार के सदस्यों की आंख खुली तो मनीषा मृत अवस्था में पड़ी मिली।
एडिशनल एसपी एनपी सिंह ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है। सुसाइड नोट को भी कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न सिर्फ समाज में व्याप्त दहेज प्रथा पर सवाल खड़े करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक तनाव से जुड़ी गंभीर समस्याओं की ओर भी इशारा करती है।