पटना, 15 जून (वार्ता) देश भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित एनईईटी स्नातक परीक्षा में कथित पेपर लीक और विवादों की श्रृंखला से बेहद निराश होकर बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों और अन्य छात्रों ने पटना में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की।

पटना के दिनकर चौक के पास बड़ी संख्या में नीट परीक्षार्थियों और अन्य छात्रों ने प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला जलाया। उन्होंने 5 मई को आयोजित परीक्षा को रद्द करने की मांग की और 4 जून को घोषित किए गए नतीजों में कई अनियमितताएं थीं। परीक्षा से पहले ही परीक्षा के प्रश्नपत्र भी लीक हो गए थे।

छात्रों ने कहा कि केवल 1563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करना पर्याप्त नहीं है और पहले आयोजित की गई परीक्षा को रद्द करके पूरी परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जानी चाहिए। वे इस बात से भी नाराज थे कि कैसे कुछ केंद्रों पर कुप्रबंधन के कारण समय की हानि के लिए 1563 छात्रों को ग्रेस अंक दिए गए। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गए थे।

पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया। विरोध प्रदर्शन के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने यातायात की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया।

वैसे, बिहार पुलिस की ईओयू ने सॉल्वर गैंग से बरामद जानकारी के आधार पर पेपर लीक में कथित संलिप्तता के आरोप में चार परीक्षकों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जांच के लिए ईओयू को नौ अन्य परीक्षकों के विवरण उपलब्ध कराए गए थे और उन्हें इस संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और अन्य को नोटिस जारी कर परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर उनका रुख पूछा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर आगे की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की थी, जिसमें परीक्षा रद्द करने और सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिकाएं भी शामिल थीं। एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसने 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए हैं और 23 जून को उनके लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

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