लखनऊ : प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव से पहले सबसे अहम कार्य ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों का परिसीमन होगा। सरकार ने इस प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी जिलों से 5 जून तक प्रस्ताव मांगे हैं।

शासनादेश के अनुसार, पिछले पंचायत चुनाव के बाद प्रदेश के कई ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों को शहरी क्षेत्रों में शामिल कर दिया गया है। इससे ग्राम पंचायतों की भौगोलिक और प्रशासनिक स्थिति में काफी बदलाव आया है। इस बदलाव के चलते वर्तमान परिसीमन अनुपयुक्त हो चुका है, जिसे चुनाव से पहले दुरुस्त किया जाना जरूरी है।

शुक्रवार को पंचायती राज विभाग की ओर से जारी आदेश में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने जिलों के अंतर्गत आने वाले ऐसे सभी ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों का सर्वे कर आंशिक पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार करें। इसमें यह स्पष्ट करना होगा कि किन ग्रामों की सीमाएं शहरी क्षेत्र में चली गई हैं और किन्हें पुनर्गठित करने की आवश्यकता है।

इस प्रस्ताव को पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिससे राज्य स्तर पर इनकी समीक्षा कर आगामी परिसीमन की रूपरेखा तैयार की जा सके। इस कवायद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंचायत चुनाव में कोई भी गांव प्रतिनिधित्व से वंचित न रहे और सभी क्षेत्रों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।

पंचायती राज विभाग के मुताबिक, यह प्रक्रिया पारदर्शिता और संवैधानिक व्यवस्था के तहत समयबद्ध ढंग से पूरी की जाएगी ताकि चुनाव सुचारु और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।

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