Noida: क्या नोएडा अब इंसानों से ज़्यादा जानवरों के लिए सुरक्षित हो गया है? हर महीने दस हज़ार से ज़्यादा लोग कुत्तों का शिकार बन रहे हैं, और प्रशासन अब भी आंकड़ों में उलझा बैठा है। पालतू हों या आवारा — अब दोनों से ही खतरा है!

दरअसल, नोएडा में आवारा और पालतू जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आंकड़े चौंकाने वाले हैं — पिछले महज़ 5 महीनों में 74,217 लोग जानवरों के हमलों का शिकार बने हैं। इनमें सबसे अधिक मामले कुत्तों के काटने के हैं।

स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, आवारा कुत्तों द्वारा 52,707 लोगों को काटा गया, जबकि पालतू कुत्तों के काटने के 16,474 मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं, बंदरों ने 3,883 लोगों पर हमला किया, और 1,169 लोगों को बिल्लियों ने काटा। इस तरह कुल मिलाकर 5 महीनों में 74 हज़ार से अधिक लोग इन जानवरों का शिकार बने हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि जिले में हर महीने औसतन 10 हज़ार लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए दो दर्जन से ज्यादा हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, और वेटरनरी विभाग को विशेष कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

हालांकि, डॉग पॉलिसी लागू होने के बावजूद कुत्तों के हमले की घटनाओं में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। इस स्थिति को लेकर नागरिकों में गहरा आक्रोश है और वे जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं।

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