नेपाल और पश्चिम बंगाल में अचानक आई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। नेपाल में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें पूर्वी नेपाल के एक जिले में अकेले 37 लोग मारे गए। दार्जिलिंग में पुल टूटने से 28 लोगों की जान चली गई।

सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं, कई सड़क मार्ग बंद हैं और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। पूर्वी नेपाल की 8 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कोसी बैराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं, जिससे 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। नेपाल में 24 हाईवे पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं।

भारी बारिश की यह स्थिति 4 अक्टूबर की शाम से 5 अक्टूबर की सुबह तक बनी रही। इसके कारण उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, सिक्किम लगभग कट गया और बिहार के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। फसलें, खासकर धान की खरीफ फसलें, कटाई के चरण में होने के कारण भारी नुकसान का सामना कर रही हैं।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम और उत्तर-पश्चिम भारत पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण यह अचानक बारिश हुई। लो प्रेशर हवा को ऊपर की ओर बहाता है और समुद्र से नमी खींचकर भारी बारिश लाता है, जबकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भूमध्य सागर से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण हिमालय क्षेत्र में टकराकर भारी बारिश ट्रिगर करता है।

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