लखनऊ। देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से जुड़ी जांच में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी को 4 जुलाई को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत सरकार द्वारा भेजी गई प्रत्यर्पण याचिका के आधार पर की गई, जिसे CBI और ED ने संयुक्त रूप से दाखिल किया था।
PNB घोटाले में नेहाल की भूमिका
जांच एजेंसियों के मुताबिक, नेहाल मोदी PNB घोटाले में सक्रिय रूप से शामिल था। उस पर आरोप है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी की मदद करते हुए हजारों करोड़ रुपये की काली कमाई को विदेशी शेल कंपनियों के ज़रिए ट्रांसफर किया। इतना ही नहीं, उसने कई अहम दस्तावेजों को नष्ट करने की कोशिश भी की, जिससे जांच को बाधित किया जा सके।
प्रत्यर्पण याचिका पर सुनवाई 17 जुलाई को
नेहाल मोदी की प्रत्यर्पण याचिका पर 17 जुलाई 2025 को अमेरिकी कोर्ट में स्टेटस कॉन्फ्रेंस के तहत सुनवाई होनी है। यह सुनवाई तय करेगी कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। सूत्रों के अनुसार, नेहाल मोदी की ओर से जमानत याचिका दाखिल की जा सकती है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन पहले ही साफ कर चुका है कि वे इसका विरोध करेंगे।
भारत सरकार का रुख सख्त
भारत सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है और चाहती है कि नेहाल मोदी को जल्द भारत लाकर PNB घोटाले में उसकी भूमिका पर कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क में रहते हुए प्रत्यर्पण प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया है।
PNB घोटाला एक बहुचर्चित वित्तीय घोटाला है, जिसमें नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। यह मामला 2018 में उजागर हुआ था और तब से लेकर अब तक इसकी जांच और अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है।