वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की अगली अध्यक्ष हो सकती हैं। हालांकि, इस जानकारी की कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है लेकिन पिछले दिनों बीजेपी हेडक्वार्टर में उनकी जेपी नड्डा और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष के साथ मीटिंग ने अटकलों को तेज़ जरूर कर दिया है। निर्मला सीतारमण दक्षिण भारत से आती हैं कयास यही लगाए जा रहे कि भाजपा उनको अध्यक्ष बनाकर दक्षिण में सक्रियता और बढ़ाना चाहती है। इतना ही नहीं उन्हें केंद्र सरकार में बतौर रक्षा और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का अनुभव भी रहा है और दक्षिण से आने के चलते वे वहां की राजनीति को ग्राउंड से समझती हैं।
जेएनयू से मोदी कैबिनेट तक निर्मला सीतारमण का राजनीतिक सफर
देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में एमफिल करने वाली निर्मला सीतारमण ने 2008 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता लेकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उनकी वाकपटुता, आर्थिक मामलों की गहरी समझ और संतुलित संवादशैली के चलते पार्टी ने उन्हें 2010 में राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया। इस भूमिका में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पार्टी का पक्ष प्रभावशाली तरीके से रखा और एक प्रखर व प्रभावी वक्ता के रूप में देशभर में अपनी पहचान बनाई।
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बनी भाजपा सरकार में उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिला और इसके बाद उन्हें रक्षा, वाणिज्य और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई। वे भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बनीं और वर्तमान में वित्त मंत्री के रूप में सेवा दे रही हैं।
उनका राजनीतिक सफर, एक बुद्धिजीवी महिला से शक्तिशाली केंद्रीय मंत्री बनने तक, भारतीय राजनीति में एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखा जाता है।