लाइफस्टाइल और खान-पान की गड़बड़ी के कारण आज हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियां काफी आम हो गई हैं। हमारे आस-पड़ोस में कई लोग इन बीमारियों से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते इन रोगों की पहचान कर ली जाए और बचाव किया जाए, तो गंभीर बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए न केवल दिनचर्या को संतुलित रखना जरूरी है, बल्कि शरीर के संकेतों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है।
अध्ययनों से पता चलता है कि बीमारियों के शुरुआती लक्षणों की पहचान समय पर हो जाने पर उनका इलाज और स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि हम रोजाना आईने में चेहरा देखते हैं, बालों पर ध्यान देते हैं, लेकिन अक्सर नाखूनों को नजरअंदाज कर देते हैं। यह भूलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि नाखून हमारे स्वास्थ्य का आईना होते हैं।
डॉक्टर अक्सर नाखूनों के रंग और बनावट को देखकर भी किसी बीमारी का पता लगाते हैं। नाखूनों में असामान्य बदलाव शरीर की अंदरूनी स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं।
नाखून के रंग में बदलाव – सावधान संकेत
नाखून का सामान्य रंग हल्का गुलाबी होता है। लेकिन अगर यह पीला, सफेद, नीला, हरा या भूरे रंग का हो जाए, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए:
पीले नाखून: फंगल इन्फेक्शन, थायरॉइड या लंबे समय तक डायबिटीज का संकेत।
सफेद नाखून: लिवर की समस्या या खून की कमी।
नीले नाखून: शरीर में ऑक्सीजन की कमी, हृदय या फेफड़ों की समस्या।
हरे या काले नाखून: बैक्टीरियल संक्रमण।
यदि आपके नाखूनों का रंग अचानक बदल जाए, तो इसे गंभीरता से लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रदीप कुमार शैलत बताते हैं कि नाखूनों के रंग और आकार में बदलाव पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार जैसे दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, मेवे और बीज का सेवन करें। नाखूनों की समय-समय पर जांच कराते रहें ताकि बीमारियों के शुरुआती संकेत पकड़ में आ सकें।
नाखूनों का रंग और संभावित स्वास्थ्य समस्याएं
नीला या हरा नाखून:
नीला या हरा नाखून यह संकेत देता है कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। यह हृदय और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का इशारा हो सकता है। नीले नाखून के अन्य कारण भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
सफेद नाखून:
ज्यादा सफेद नाखून खून की कमी या एनीमिया का लक्षण हो सकते हैं।
पीला नाखून:
पीले नाखून कई बार डायबिटीज की शुरुआती चेतावनी भी होते हैं। लंबे समय तक पीले नाखून फेफड़ों के संक्रमण, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस या टीबी का संकेत दे सकते हैं। थायरॉइड और लिवर की बीमारी में भी नाखून पीले दिखाई दे सकते हैं।
हल्का बैंगनी नाखून:
यह रक्त प्रवाह में समस्या का संकेत हो सकता है। ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ने से हाथ-पैर सुन्न होना, ठंड लगना और कमजोरी जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
नाखूनों की देखभाल के सुझाव
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें।
- नाखूनों को नियमित तौर पर साफ और कटे हुए रखें।
- नाखूनों पर अत्यधिक रासायनिक उत्पादों का प्रयोग न करें।
- अगर नाखून का रंग अचानक बदलता है या बनावट में बदलाव आता है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
- नाखूनों का रंग और बनावट शरीर की अंदरूनी स्थिति का आईना होते हैं। समय रहते बदलाव का पता लगाकर आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।