भारत और विश्व संगीत जगत के महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन ने सोमवार को निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 73 वर्ष के थे और हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में अस्पताल में भर्ती थे। लगभग दो हफ्ते से वह अस्पताल में इलाज करा रहे थे, और उनका निधन सोमवार को हुआ। उनकी मृत्यु से भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

उस्ताद जाकिर हुसैन की पहचान विश्वभर में तबला के मास्टर के रूप में थी। उन्होंने अपने अद्वितीय कौशल और संगीत की गहरी समझ से न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में एक नया मानक स्थापित किया। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध कलाकारों में से एक थे।

जाकिर हुसैन ने अपनी कला का प्रदर्शन विभिन्न देशों में किया, और उनकी संगीत यात्रा कई दशकों तक फैली रही। वे संगीत के अलावा भारत और पश्चिमी संगीत के बीच एक मजबूत सेतु बन गए। उनके संगीत ने न केवल शास्त्रीय संगीत प्रेमियों को आकर्षित किया, बल्कि उन्हें पॉपुलर म्यूजिक और जाज संगीत में भी देखा गया।

उनका निधन भारतीय संगीत के लिए एक बड़ा नुकसान है, और वे हमेशा अपने अद्वितीय शैली, शिक्षा, और योगदान के लिए याद किए जाएंगे।

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