दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे और 1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के जनक डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां थोड़ी ही देर बाद उनके निधन की पुष्टि की गई। सरकार ने शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को आधी रात के बाद विशेष एंबुलेंस के जरिए अस्पताल से उनके आवास पर ले जाया गया।
इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजली
क्रिकेटर इरफान पठान ने दी श्रद्धांजली-
क्रिकेटर इरफान पठान ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत और इसकी अर्थव्यवस्था हमेशा डॉ. मनमोहन सिंह जी के उल्लेखनीय योगदान के लिए उनकी ऋणी रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजली-
भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक, डॉ. मनमोहन सिंह जी को खो दिया है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक सम्मानित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर सेवा दी और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीतियों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। संसद में उनके विचारशील हस्तक्षेप भी प्रेरणादायक थे। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
गौतम अदाणी ने दी श्रद्धांजली-
बिजनेसमैन गौतम अडानी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर उन्होंने लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ। इतिहास हमेशा 1991 के क्रांतिकारी आर्थिक सुधारों में उनकी अहम भूमिका का सम्मान करेगा, जिन्होंने भारत को नया आकार दिया और दुनिया के लिए इसके दरवाजे खोले। वे एक ऐसे दुर्लभ नेता थे, जिन्होंने शांत स्वभाव से बात की, लेकिन अपने कार्यों से बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। डॉ. सिंह का जीवन नेतृत्व, विनम्रता और राष्ट्र सेवा का अद्भुत उदाहरण है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
शशि थरूर ने दी श्रद्धांजली-
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की एक टिप्पणी उनके निधन के बाद सच साबित हो रही है। 2014 में डॉ. सिंह ने कहा था, “मैं ईमानदारी से मानता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा।” शशि थरूर ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “सिर्फ दस साल बाद, उनकी यह बात पहले से ही सही साबित हो रही है।”