पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। मंगलवार देर शाम उन्होंने दिल्ली AIIMS में आखिरी सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रही शारदा सिन्हा की सोमवार को अचानक तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। इस दौरान डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा था। लेकिन वह दुनिया से विदा हो गई।

लंबे समय से चल रही थी बीमार

बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा 72 वर्ष की उम्र में दुनिया को छोड़कर चली गई। शारदा सिन्हा की मृत्यु से उनके शुभचिंतकों और परिवार वालों में शोक की लहर है। इस दौरान उनके गाए छठ गीत हर जगह बजाए जा रहे हैं। ऐसे में उनका छठ पर्व के बीच दुनिया को छोड़कर जाना उनके प्रशंसकों को झकझोर रख देने वाली है। बीते 4 नवंबर को उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया। उनका ICU में इलाज चल रहा था। उनके बेटे अंशुमन लगातार उनके स्वास्थ्य को लेकर जानकारी शेयर कर रहे थे। इसी बीच आज उनका देहांत हो गया।

कई पुरस्कार से सम्मानित

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के गांव हुलसा में हुआ था। उन्हें बिहार कोकिला के साथ ही भोजपुरी कोकिला भी कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन में भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषा में विवाह गीत के साथ छठ गीत गाए थे। उनकी उपलब्धि के लिए शारदा सिन्हा को भिखारी ठाकुर सम्मान, मिथिलि विभूति और बिहार रत्न के साथ कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं साल 2018 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

नहीं रही लोक गायिका Sharda Sinha,दिल्ली AIMS में ली अंतिम सांस

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