स्लग: मुख्यमंत्री पौष्टिक आवेदन योजना
गांधीनगर: राज्य सरकार ने सोमवार को ‘मुख्यमंत्री पौष्टिक आहार योजना’ शुरू की, जिसका उद्देश्य प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को प्रोटीन युक्त पौष्टिक नाश्ता प्रदान करना है। सरकार ने कहा कि इस योजना से 32,000 स्कूलों के लगभग 41 लाख छात्रों को फायदा होगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छात्रों के लिए पौष्टिक स्नैक्स मेनू को पारंपरिक और स्वस्थ वस्तुओं को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनी स्थानीय मिठाई सुखड़ी शामिल होगी, जो आवश्यक कैलोरी प्रदान करती है। भुनी हुई मूंगफली को शामिल करने से छात्रों के आहार में प्रोटीन और स्वस्थ वसा जुड़ जाता है। बयान में कहा गया है कि चना चाट और मिश्रित दालें स्वादिष्ट और परिचित खाद्य पदार्थों को शामिल करते हुए अतिरिक्त प्रोटीन स्रोत प्रदान करती हैं।
मेनू में बाजरा का एकीकरण टिकाऊ और पौष्टिक भोजन विकल्पों के साथ संरेखित होता है। बाजरा बढ़ते बच्चों के लिए आवश्यक खनिज, फाइबर और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर है। बयान में कहा गया है कि यह मेनू सुनिश्चित करता है कि छात्रों को पूरे स्कूल के दौरान संतुलित पोषण मिले।
ये स्नैक्स सुबह की प्रार्थना के दौरान प्रदान किए जाएंगे ताकि छात्रों को अपना दिन ऊर्जा के साथ शुरू करने में मदद मिल सके, जबकि दोपहर की खुराक दोपहर के भोजन कार्यक्रम का पूरक होगी। पूरे दिन इस निरंतर पोषण संबंधी सहायता का उद्देश्य छात्रों की एकाग्रता और सीखने की क्षमताओं को बढ़ाना है।
सरकार ने कहा कि कार्यक्रम से विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों और विकासशील तालुकाओं के छात्रों को लाभ होगा, जहां पोषण संबंधी जरूरतें अधिक हो सकती हैं। बयान में कहा गया है कि दूध संजीवनी योजना जैसी मौजूदा योजनाओं के साथ संयोजन छात्र पोषण के लिए एक बहुस्तरीय दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
बयान में कहा गया, “पोषण और शिक्षा (पोषण भी, पढ़ाई भी) दोनों पर ध्यान उचित पोषण और शैक्षणिक प्रदर्शन के बीच संबंध को पहचानता है। इस समग्र दृष्टिकोण का उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास और भविष्य की सफलता के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है।”
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