Green Hydrogen Plant India. गुजरात के कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (DPA) ने गुरुवार को भारत का पहला ‘मेक इन इंडिया’ एक मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट शुरू किया। यह देश का पहला ऐसा संयंत्र है जो किसी बंदरगाह परिसर में तैयार किया गया है और भविष्य में 10 मेगावाट क्षमता तक विस्तार किया जाएगा।
इस प्लांट का उद्घाटन केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। उन्होंने इसे ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में नया मील का पत्थर” बताया। मंत्री ने कहा, “DPA ने गति, स्तर और कौशल का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है।
DPA ने इस परियोजना को मात्र चार महीनों में पूरा किया है। इसकी खास बात यह है कि पूरा संयंत्र पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है – जिसमें इलेक्ट्रोलाइज़र भी भारत में निर्मित है और इसका डिज़ाइन तथा क्रियान्वयन भारतीय इंजीनियरों ने किया है।
शुरुआती उपयोग व भविष्य की योजना:
DPA के अध्यक्ष एस. के. सिंह ने बताया कि प्लांट से उत्पन्न ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग प्रारंभ में पोर्ट परिसर में चलने वाली 11 बसों और स्ट्रीट लाइट्स को ऊर्जा देने में किया जाएगा। आने वाले समय में पोर्ट के समस्त संचालन को ग्रीन हाइड्रोजन से चलाने का लक्ष्य है।
DPA के अनुसार, यह संयंत्र हर वर्ष करीब 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करेगा। इससे भारत की समुद्री decarbonization नीति को गति मिलेगी और यह वैश्विक स्तर पर सस्टेनेबल पोर्ट ऑपरेशन में भारत की भूमिका को मजबूती देगा।
समुद्री ईंधन में क्रांति की ओर भारत:
ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण ईंधन माना जा रहा है, जिसका उपयोग बिजली संयंत्रों, वाहनों, टग बोट्स और जलपोतों में किया जा सकता है। कांडला में इस प्लांट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई को भुज यात्रा के दौरान रखी थी।