भारत समाचार के रिपोर्ट के बाद महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज के कैंटीन में प्रशासनिक जांच का दौर शुरू हो गया। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि कैंटीन में वही पानी की टंकी थी, जिसमें अज्ञात शव मिला था। यह टंकी कैंटीन में पानी की सप्लाई के रूप में इस्तेमाल हो रही थी। कैंटीन में कई खामियाँ पाई गईं, जिसमें समोसा और रिफाइंड पाम आयल की सेंपलिंग की गई है, और अन्य सामग्रियों की भी जांच की जा रही है।

कैंटीन में फायर किट की अनुपस्थिति भी एक गंभीर मामला सामने आया है। घरेलू सिलेंडर का उपयोग कैंटीन में किया जा रहा था, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता था।

इस कैंटीन की संचालन का जिम्मा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश बरनवाल की निगरानी में था। जांच से यह भी सामने आया कि कैंटीन मानक के हिसाब से नहीं चल रहा था और जुगाड़ के बल पर संचालित किया जा रहा था। भारत समाचार की खबर ने प्रशासन को जगाया, जिसके बाद फूड विभाग, फायर ब्रिगेड और DSO कार्यालय की टीम कैंटीन की जाँच में जुटी है। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

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