Cobra vs cone snail: जब भी जहरीले जीवों की बात होती है, तो सबसे पहले नाम कोबरा जैसे घातक सांपों का आता है। लेकिन इंडो‑प्रशांत महासागर में पाया जाने वाला एक छोटा, रंग-बिरंगा और शांत दिखने वाला जीव कॉनस जियोग्राफस (Coneus Geographus), जिसे ‘जियोग्राफी कोन स्नेल’ या ‘सिगरेट स्नेल’ भी कहा जाता है, वास्तव में कोबरा से कहीं अधिक जानलेवा है।
छोटा आकार, पर खतरनाक जहर
- यह छोटा सा समुद्री घोंघा दिखने में जितना सुंदर है, उतना ही घातक भी।
- इसके ज़हर में 100 से अधिक न्यूरोटॉक्सिन्स होते हैं जो इंसानी तंत्रिका तंत्र को तुरंत निष्क्रिय कर देते हैं।
- केवल एक बूंद जहर से मिनटों में लकवा और कुछ घंटों में मौत संभव है।
‘सिगरेट स्नेल’ क्यों कहते हैं?
कई बार पीड़ित के पास मौत से पहले सिगरेट पीने जितना ही समय बचता है…इसलिए इसे यह डरावना नाम मिला है।
कोई एंटीवेनम नहीं!
- अब तक इस जीव के जहर का कोई इलाज या एंटीवेनम नहीं बना है।
- आंकड़ों के अनुसार, 65% से अधिक मौतें अस्पताल पहुंचने से पहले हो जाती हैं।
कैसे करता है हमला?
कॉनस जियोग्राफस घोंघा अपने हार्पून जैसे दांत (radula) से जहर इंजेक्ट करता है। इशके अलावा एक सटीक वार से यह मछलियों या गोताखोरों को तुरंत बेहोश कर देता है।
कहां पाया जाता है?
ये ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के तटवर्ती समुद्रों में पाया जाता है। आमतौर पर यह चट्टानों के बीच छिपा रहता है, जिससे गोताखोरों को सबसे अधिक खतरा होता है।
कोबरा से ज्यादा खतरनाक क्यों?
तुलना | कोबरा | कॉनस जियोग्राफस |
---|---|---|
जहर का असर | 30 मिनट में | कुछ ही मिनटों में |
इलाज | एंटीवेनम उपलब्ध | कोई इलाज नहीं |
खतरा | सीमित | अत्यधिक, खासकर समुद्र में |
विज्ञान के लिए उम्मीद की किरण
- वैज्ञानिक इस जहर के तत्वों को दर्दनाशक और न्यूरोलॉजिकल दवाओं के रूप में विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।
- यह संभव है कि भविष्य में यह खतरनाक जहर चिकित्सा विज्ञान में क्रांतिकारी भूमिका निभाए।
सावधानी ही बचाव है!
गोताखोरों और समुद्री पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अज्ञात रंग-बिरंगे जीव को छूने से बचें… वह जानलेवा हो सकता है।