Ayodhya Deepotsav 2025. राम नगरी अयोध्या को अब केवल आस्था की भूमि के रूप में नहीं, बल्कि विकास और सांस्कृतिक विरासत के एक अद्भुत संगम के रूप में देखा जा रहा है। इस वर्ष के दीपोत्सव में योगी सरकार की विकास योजनाओं की रौशनी में अयोध्या का चेहरा और भी निखरेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या को एक वैश्विक तीर्थ और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए कई भव्य योजनाएं बनाई गई हैं। राम की पैड़ी का सौंदर्यीकरण, सरयू घाटों का पुनरुद्धार और पर्यटन सुविधाओं का विस्तार इन योजनाओं में प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल अयोध्या की प्राचीनता को संरक्षित करना है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आधुनिक और आकर्षक सुविधाएं भी प्रदान करना है।

राम की पैड़ी पर बैठेगा श्रद्धा और सौंदर्य का संगम

दीपोत्सव के दौरान राम की पैड़ी पर बैठने का अनुभव पहले से कहीं अधिक आरामदायक और आकर्षक हो जाएगा। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23.24 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी पर लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण किया है। इस नये रूप में अब 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसके अलावा, यहां पर बने सेल्फी प्वाइंट में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की पत्थर की भव्य मूर्तियां श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने इसे एक विश्वस्तरीय रूप दे दिया है।

राम की पैड़ी का भव्यीकरण, आठ एम्फीथिएटर और पत्थर की छतरियाँ बनेंगी आकर्षण

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 23.67 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का और भी भव्य रूप विकसित किया जाएगा। इस परियोजना में आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जहां दर्शक बैठ सकते हैं और कार्यक्रमों का आनंद ले सकते हैं। इसके साथ ही छह पत्थर की छतरियाँ, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे। इन योजनाओं के साथ, राम की पैड़ी का सौंदर्यीकरण और भी समृद्ध होगा, जिससे यह स्थान आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम बनेगा, जो विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।

सरयू घाटों का नवनिर्माण भक्तिभाव और पर्यटन दोनों का केंद्र

अयोध्या की जीवनरेखा सरयू नदी के घाटों का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले इन घाटों के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण पर 23.46 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इस परियोजना में 32 पत्थर की छतरियाँ, 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं। आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। सरयू आरती का दृश्य अब और भी मनमोहक और भव्य होगा, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देगा।

अयोध्या के इस भव्य विकास कार्य से न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद मिलेगा, बल्कि यहां के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। योगी सरकार की योजनाओं से अयोध्या एक नई पहचान बना रही है, जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। दीपोत्सव का यह आयोजन अब केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि अयोध्या के विकास की कहानी भी कहलाएगा।

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