नई दिल्ली। दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लागू हो गई है। इस फैसले के बाद राजधानी के पेट्रोल पंपों पर मंगलवार सुबह से ही सख्ती और कड़ी निगरानी का माहौल देखने को मिला। पेट्रोल पंपों पर आम दिनों की तुलना में आज एक अलग नज़ारा दिखा, ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट और नगर निगम के अधिकारी जगह-जगह तैनात थे। इसके अलावा AI कैमरा और ऑटोमेटिक हूटर सिस्टम जैसी उन्नत तकनीकों की मदद से पुराने वाहनों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
मर्सिडीज तक सील: नियम सभी पर लागू
मंगलवार की सुबह आश्रम के एक पेट्रोल पंप पर उस समय हलचल मच गई जब एक व्यक्ति अपनी 15 साल पुरानी मर्सिडीज कार में फ्यूल भरवाने पहुंचे। AI कैमरे ने गाड़ी की पहचान की और हूटर बज उठा। पुलिस ने तुरंत वाहन को सील कर दिया, भले ही गाड़ी की स्थिति और चमक देखकर यह कहना मुश्किल था कि वह पुरानी है। यह घटना साफ दर्शाती है कि यह नियम केवल आम लोगों की गाड़ियों पर ही नहीं, बल्कि लक्ज़री कार मालिकों पर भी सख्ती से लागू किया जा रहा है।
AI कैमरे और हूटर बना रहे हैं कार्रवाई को तेज और स्वचालित
नई तकनीक की मदद से अब पुरानी गाड़ियों की पहचान पेट्रोल पंप पर आते ही ऑटोमेटिक सिस्टम के ज़रिए हो रही है। AI कैमरा वाहन का नंबर स्कैन कर रहा है और अगर गाड़ी तयशुदा समय से पुरानी पाई जाती है, तो हूटर बज उठता है। इसके बाद पुलिस सेंट्रल डेटाबेस से गाड़ी का रजिस्ट्रेशन क्रॉसचेक कर जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर देती है। इस पूरी प्रक्रिया में महज कुछ मिनट लग रहे हैं।
लोगों ने फैसले का किया समर्थन, लेकिन सवाल भी उठे
दिल्ली में इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे वायु प्रदूषण के खिलाफ जरूरी बताया, तो कुछ ने इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। एक वाहन मालिक ने कहा, अगर डीजल को 10 और पेट्रोल को 15 साल बाद बैन किया जा रहा है, तो यह असंतुलन है। सरकार को दोनों के लिए एक समान नीति बनानी चाहिए।
प्रदूषण से राहत की दिशा में बड़ा कदम
यह अभियान केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली सरकार के संयुक्त निर्देशों के तहत चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। दिल्ली लंबे समय से प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही है, और यह कदम प्रदूषणकारी वाहनों पर सीधी चोट माना जा रहा है।