दिल्ली पुलिस ने सोमवार की देर रात चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम पाठ्यक्रम कर रही छात्राओं से कथित तौर पर छेड़छाड़ की और जालसाजी की। पुलिस की टीम ने उसे दिल्ली लाने के लिए आगरा से रवाना किया है और दिल्ली पहुंचते ही उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद से जुड़े करीब आठ करोड़ रुपये के लेन-देन पर रोक लगा दी थी। यह धनराशि 18 बैंक खातों और 28 सावधि जमा के रूप में थी। जांचकर्ताओं ने बताया कि यह धनराशि चैतन्यानंद द्वारा स्थापित एक न्यास से जुड़ी हुई है। पुलिस ने आरोपी के वित्तीय लेन-देन की जांच तेज कर दी है।
चैतन्यानंद, जो पहले से ही इन आरोपों का सामना कर रहा था, गायब हो गया था, लेकिन शुक्रवार को उसने दिल्ली की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। हालांकि, अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश हरदीप कौर ने कहा कि मामले की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और आरोपी से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। न्यायधीश ने कहा कि चैतन्यानंद के खिलाफ आरोप और अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
चैतन्यानंद पर आरोप है कि उसने दिल्ली के एक निजी प्रबंधन संस्थान की 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया। इसके अलावा, उसने संस्थान पर अपना नियंत्रण मजबूत कर लिया था और इसके द्वारा संचालित संपत्तियों को निजी कंपनियों को किराए पर दिया था। इस धन का इस्तेमाल उसने महंगी कारों की खरीदारी में किया। पुलिस के मुताबिक, चैतन्यानंद के पास अब तक दो कारें मिली हैं – एक वोल्वो, जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट “39 यूएन 1” लगी है और एक बीएमडब्ल्यू कार, जो उसने मार्च में खरीदी थी।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और चैतन्यानंद के वित्तीय लेन-देन और उसके खिलाफ अन्य आरोपों की जांच जारी है। इस घटना ने दिल्ली और आगरा में हड़कंप मचा दिया है, और यह जांच आगामी दिनों में और भी जटिल हो सकती है।