लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने आम आदमी की थाली में तेल और दाल की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार ने दलहन एवं तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर योजनाएं शुरू की हैं, जिससे न केवल प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत भी मिलेगी।
मिनी किट मुफ्त, MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत सरकार किसानों को 4.58 लाख निःशुल्क मिनी किट बांट रही है। इनमें मूंग, अरहर, उड़द, तिल और मूंगफली के बीज शामिल हैं। साथ ही, पिछले एक दशक में दलहन-तिलहन की MSP में 81% से 172% तक की वृद्धि की गई है। नाइजर सीड में सर्वाधिक 172% और मूंगफली में 82% की वृद्धि दर्ज की गई है।
तिलहनी उत्पादन में 128% की वृद्धि
प्रदेश सरकार के अनुसार, 2016-17 में तिलहन उत्पादन 12.40 लाख मीट्रिक टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 20.31 लाख मीट्रिक टन हो गया—जो 128% की वृद्धि है। इसी तरह दलहन में भी उल्लेखनीय बढ़त हुई है।
फसल | MSP (₹/कुंतल) | वृद्धि (%) |
---|---|---|
अरहर | 8000 | 86 |
मूंग | 8768 | 95 |
उड़द | 7800 | 81 |
मूंगफली | 7263 | 82 |
सूरजमुखी | 7721 | 109 |
सोयाबीन | 5328 | 108 |
तिल | 9846 | 119 |
नाइजर सीड | 9537 | 172 |
‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना में भी दलहन को प्राथमिकता
योगी सरकार ने दलहन को अपनी प्रमुख ODOP योजना में शामिल किया है। साथ ही, विश्व बैंक की सहायता से चल रही यूपी एग्रीज योजना बुंदेलखंड और पूर्वांचल में उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
दलहन और तिलहन उत्पादन को बढ़ाने की यह रणनीति खाद्य सुरक्षा और मूल्य नियंत्रण दोनों में सहायक साबित हो रही है। आने वाले वर्षों में प्रदेश आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में एक बड़ी छलांग के लिए तैयार है।