पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें अचानक बेहोश होने के बाद गंभीर हालत में एम्स-दिल्ली के आपातकालीन विभाग में लाया गया, जहां उनके निधन की पुष्टि हुई।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन प्रेरणादायक और विविध अनुभवों से भरा रहा। एक समय उनके पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें, इसलिए उन्होंने प्री-मेडिकल कोर्स में दाखिला लिया। लेकिन कुछ ही महीनों में उन्होंने महसूस किया कि उनका झुकाव इस क्षेत्र में नहीं है, और उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी। उनकी बेटी दमन सिंह ने अपनी पुस्तक ‘स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण’ (2014) में इस बात का जिक्र किया है।
पुस्तक में दमन सिंह ने लिखा है कि डॉ. सिंह को अर्थशास्त्र ने गहराई से आकर्षित किया, जो बाद में उनके करियर का आधार बना। अप्रैल 1948 में उन्होंने अमृतसर के खालसा कॉलेज में दाखिला लिया। इसके साथ ही, पुस्तक में यह भी बताया गया कि उनके पिता में हास्य की अच्छी समझ थी और वे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन उनकी मेहनत, लगन और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।