Bihar Assembly. बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज चौथा दिन था, जहां एसआईआर (स्मार्ट आइडेंटिटी रजिस्ट्रेशन) मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी। सत्र की शुरुआत में ही नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर से अनुरोध किया कि आज फिर से एसआईआर पर चर्चा हो, क्योंकि कल की चर्चा अधूरी रह गई थी।
तेजस्वी यादव ने कहा, कल सदन में जो हुआ वह ठीक नहीं था। हम सभी यहां इसलिए आते हैं ताकि हमारे राज्य का विकास हो सके। अगर हमारी तरफ से कोई गलती हुई हो, तो हम माफी मांगते हैं। उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एसआईआर पर चुप्पी तोड़ने की अपील की और कहा कि उन्हें यह आश्वासन देना चाहिए कि किसी भी बिहारी का नाम मतदाता सूची से नहीं कटेगा।
गरीबों का वोट छीनने की साजिश : तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि एसआईआर में आधार और पैन कार्ड जैसी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की अनिवार्यता गरीबों के लिए एक बड़ी समस्या बन रही है। उन्होंने आरोप लगाया, कई करोड़ों की संख्या में प्रवासी बिहारी और मजदूर हैं, जिनके पास यह दस्तावेज नहीं हैं। उन्हें फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है। वोट की ताकत बहुत बड़ी होती है, और बाबा साहेब का संविधान खतरे में है।
उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया से मतदाता सूची से नाम काटने का प्रयास किया जा रहा है, जो गरीबों के वोटिंग अधिकार को छीनने की साजिश है।
चुनाव आयोग पर सवाल उठाए
तेजस्वी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है, और एसआईआर की प्रक्रिया में कई खामियां हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि चुनाव आयोग ने कभी नहीं कहा कि एसआईआर के दौरान घुसपैठिए पाए गए हैं, फिर बीजेपी और एनडीए के नेता इस बारे में क्यों बयानबाजी कर रहे हैं।
विपक्ष का कड़ा विरोध
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, महागठबंधन के विधायकों ने विधानसभा के पोर्टिको में काले कुर्ते पहनकर एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनके हाथों में बैनर और पोस्टर थे, जिन पर बिहार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लिखे गए थे। विरोधी दलों के सदस्यों ने ‘एनडीए सरकार हटाओ’, ‘वोटबंदी नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए और विधानसभा से एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग की। इस मुद्दे पर विपक्ष का विरोध गहरा रहा है और आगामी दिनों में एसआईआर पर और भी बहस हो सकती है।