“वो मोहब्बत थी या जुनून, मगर अंजाम में मासूमियत की कीमत चुकानी पड़ी…” सीतापुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ रिश्तों की संवेदनशीलता को झकझोर दिया है, बल्कि समाज के बदलते मूल्यों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पति-पत्नी और प्रेमी के इस त्रिकोणीय रिश्ते में सबसे ज्यादा नुकसान उन दो मासूम बेटियों का हुआ है, जिनका बचपन अब मां के बिना ही बीतेगा।
क्या हैं पूरा मामला?
सिधौली तहसील परिसर में बुधवार को एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद हर शख्स को हैरान कर दिया। एक विवाहिता महिला, दो मासूम बेटियों की मां, अपने प्रेमी के साथ जाने की ज़िद पर अड़ी रही, और उसका पति जिसे आमतौर पर ऐसे मामलों में आक्रोशित देखा जाता है उसने बेहद शांत लहजे में कहा, “तुम खुशी-खुशी जाओ।”
पति ने कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की
25 साल की शिवानी, जो सिधौली क्षेत्र की रहने वाली है, पिछले पांच दिनों से अपने ससुराल से लापता थी। परिजनों को शक था कि वह अपने प्रेमी दीपक..जो कि चक गांव के बाराबंकी का रहने वाला हैं.. उसके साथ चली गई है। इसके बाद भी पति राजेन्द्र उर्फ गोलू ने कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की, लेकिन परिजन लगातार शिवानी की तलाश में जुटे थे।
प्रेमिका प्रेमी को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी..
काफी खोजबीन के बाद, दबाव पड़ने पर शिवानी बुधवार को दीपक के साथ तहसील परिसर पहुंची। वहां दोनों पक्ष आमने-सामने हुए और कहासुनी शुरू हो गई। कुछ ही देर में भीड़ जुट गई। माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन तब भी शिवानी का रवैया टस से मस नहीं हुआ। वह अपने प्रेमी को छोड़ने को तैयार नहीं थी।
अगर तुमको वही अच्छा लगता है, तो जाओ…
वही बता दें कि, शिवानी की शादी को करीब 8 साल हो चुके थे और उसके दो बेटियाँ हैं… जिनकी उम्र मात्र 5 और 4 साल है। बावजूद इसके, उसने उन मासूमों को छोड़ प्रेमी संग जाने का फ़ैसला किया। तमाम समझाइश, रोने-गिड़गिड़ाने के बावजूद जब कोई असर नहीं हुआ, तो पति राजेन्द्र ने आखिरकार कहा, “अगर तुमको वही अच्छा लगता है, तो जाओ… लेकिन ये बच्चियाँ अब मेरी ज़िम्मेदारी हैं।”
इस फैसले के बाद शिवानी अपने प्रेमी दीपक के साथ चली गई। और राजेन्द्र एक टूटा हुआ पति, मगर मजबूत पिता अपने आँसू छुपाते हुए अपनी बेटियों को घर ले गया।