भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में एक नया मुकाम हासिल किया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने गुरुवार को बताया कि इस साल देश में FDI बढ़कर 81 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले तीन वर्षों का सबसे ऊँचा स्तर है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसमें और वृद्धि की उम्मीद है।

भाटिया ने यह जानकारी भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा, “भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में निवेश बढ़ना यह दर्शाता है कि अब वे वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए गंभीर हैं। उन्हें सिर्फ घरेलू स्तर पर ही नहीं, बल्कि तकनीक हासिल करने, संसाधनों की सुरक्षा और नए बाजारों तक पहुँच बनाने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जिन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, वे उद्योगों के लिए नए अवसर लेकर आएंगे। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं (PLI) भारत में मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दे रही हैं।

भाटिया ने उद्योग जगत से अपील की कि वे अल्पकालिक अनिश्चितताओं से ऊपर उठकर दीर्घकालिक रणनीति अपनाएं और उभरते वैश्विक अवसरों का लाभ उठाएं।

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