अयोध्या तीन दिवसीय अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का समापन आज अवार्ड समारोह और फिल्मों के प्रदर्शन के साथ हुआ। इस फिल्म महोत्सव में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में फिल्म प्रेमियों, फिल्मकारों, और कलाकारों के बीच संवाद का एक विशेष मंच तैयार किया।
विदेशी फिल्मकारों का स्वागत किया गया
विदेशी फिल्मकारों ने अयोध्या में अपने स्वागत और आयोजन की प्रशंसा के साथ साथ मोदी-योगी की तारीफ भी की। फ्रांस से आए फिल्मकार रघुनाथ मानेट ने अपनी फिल्म ‘बैक टू पांडिचेरी’ के माध्यम से धर्म और आत्म-खोज पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “अयोध्या जैसे ऐतिहासिक शहर में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।” मुंबई के सुहास सीताराम करनेकर ने अपनी शॉर्ट फिल्म ‘पनाह’ के माध्यम से लड़कियों को बोझ समझने वाली मानसिकता पर प्रहार किया।
युवाओं और सामाजिक संदेशों पर फिल्में तमिलनाडु की निर्देशक शारवि एम ने फिल्म ‘बेटर टुमारो’ के जरिए युवाओं को ड्रग्स और हिंसा से बचाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म युवाओं को जागरूक करने और परिवार के समर्थन के महत्व को समझाने का प्रयास है।” कार्यक्रम का आयोजन गुरुनानक अकादमी के सभागार में किया गया जहां दिनभर फिल्मों के प्रदर्शन का दौर चलता रहा। समारोह के अंतिम दिन में विभिन्न फिल्मकारों और प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
समापन समारोह में डॉ. शाह आलम राना, फेस्टिवल के संस्थापक और निदेशक ने कहा, “अयोध्या फिल्म फेस्टिवल ने कला और सिनेमा को जोड़ने का एक अद्भुत मंच तैयार किया है। अगले वर्ष हम इसे और भव्य तरीके से आयोजित करेंगे।”