अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अगस्त के अंत में भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने के बाद अधिकांश लोगों ने सोचा कि भारत को बड़ा झटका लगेगा। इस टैरिफ ने अमेरिका को भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना दिया है और भारतीय वस्तुओं के आधे से अधिक पर असर डाला। लेकिन एक सप्ताह के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कड़ा रुख अपनाने के बजाय शैम्पू, सेव और व्यापक जीएसटी कटौती के जरिए जवाब दिया।

22 सितंबर से लागू होने वाले जीएसटी 2.0 सुधार ने केवल स्लैब बदलने का काम नहीं किया, बल्कि भारत की आर्थिक मजबूती को भी बढ़ाया। वैश्विक व्यापार पर बढ़ते दबाव के बीच मोदी ने घरेलू उपभोक्ता को अपने ‘आर्थिक हथियार’ के रूप में तैयार किया और समय पर इसे लागू किया।

मोदी सरकार ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में घरेलू खपत और छोटे व्यवसायों को राहत देने का रणनीतिक कदम उठाया। इसके तीन प्रमुख फायदे हैं:

  1. घरेलू मांग को ढाल के रूप में इस्तेमाल: भारत में उपभोग जीडीपी का 61% है, जबकि वियतनाम और चीन जैसे निर्यात-भारी देशों में यह कम है। कार, खाना बनाने के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम करके मोदी ने घरेलू उपभोक्ता को ‘शॉक एब्जॉर्बर’ बनाया।
  2. राजनीतिक लाभ: जीएसटी में कटौती से मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसाय और ग्रामीण परिवार सीधे लाभान्वित होंगे। ट्रंप के टैरिफ से पैदा होने वाली आर्थिक चिंता को मोदी ने “दिवाली बोनस” में बदल दिया।
  3. निवेशकों के लिए संदेश: स्लैब सरलीकरण, इनपुट टैक्स रिफंड की सुविधा और अनुपालन बाधाओं में कमी ने वैश्विक कंपनियों को आश्वस्त किया कि भारत स्थिर और सुधार-उन्मुख बाजार बना हुआ है।

जैसा कि द इकोनॉमिस्ट ने कहा, “मोदी का गुप्त हथियार भारतीय उपभोक्ता है।” घरेलू मजबूती पर जोर देकर भारत ने न केवल अमेरिकी टैरिफ के असर को कम किया, बल्कि इसे मध्यम वर्ग सशक्तिकरण और ग्रामीण पुनरुत्थान की कहानी में बदल दिया।

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