लखनऊ। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल माइक्रोसॉफ्ट ने एक बार फिर अपनी वैश्विक कार्यबल में बड़ी कटौती करते हुए 9,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह कदम कंपनी की लागत में कटौती, आय में गिरावट और वैश्विक मंदी से निपटने की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
2.28 लाख कर्मचारियों में से हुआ छंटनी का चयन
माइक्रोसॉफ्ट के कुल 2.28 लाख कर्मचारियों में से यह कटौती अलग-अलग विभागों और भौगोलिक क्षेत्रों में की गई है। कंपनी का कहना है कि यह फैसला “बिजनेस रीअलाइनमेंट” और “आर्थिक अनिश्चितता” को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
पहले भी हो चुकी है छंटनी की लहर
इससे पहले मई और जून 2025 में दो चरणों में करीब 6,000 कर्मचारियों को निकाला गया था। यानी कुल मिलाकर तीन महीनों में 15,000 से अधिक लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है।
वैश्विक मंदी का असर टेक सेक्टर पर साफ
तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था, बढ़ती ब्याज दरें, और घटती मांग ने पूरी टेक इंडस्ट्री पर गहरा असर डाला है। अमेज़न, गूगल, मेटा जैसे दिग्गजों के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट की यह बड़ी छंटनी इस बात की पुष्टि करती है कि टेक सेक्टर एक गहरे बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
भारत पर क्या असर?
हालांकि कंपनी ने फिलहाल भारत में प्रभावित कर्मचारियों की संख्या का स्पष्ट आंकड़ा नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि भारत में भी इसके असर की संभावना है, खासकर टेक सपोर्ट, क्लाउड और रिसर्च डिवीजनों में।