SEBI Clean Chit. भारतीय शेयर बाजार के लिए बड़ी राहत की खबर है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंदेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी कर अडानी ग्रुप और उसके चेयरमैन गौतम अडानी को क्लीन चिट दे दी है।

SEBI की अंतिम रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि अडानी ग्रुप ने दो निजी कंपनियों—माइलस्टोन ट्रेडलिंक और रेव्हर इंफ्रास्ट्रक्चर—के माध्यम से किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। हिंदेनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि इन कंपनियों का उपयोग “रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन” (RPT) को छिपाने के लिए किया गया था।

जांच के दौरान यह पाया गया कि 2018-2023 के बीच लागू नियमों के अनुसार, केवल सीधे लेन-देन को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन माना जाता था। माइलस्टोन और रेव्हर, हालांकि अडानी ग्रुप के साथ व्यापारिक संबंध रखते थे, लेकिन इन्हें कानून के तहत रिलेटेड पार्टी नहीं माना गया। 2021 में LODR नियमों में हुए संशोधन को भविष्य में लागू किया गया था और इसे पुराने लेन-देन पर लागू करना कानूनी रूप से संभव नहीं था।

SEBI ने वित्तीय लेन-देन की भी विस्तार से जांच की और पाया कि सभी ऋण समय पर और ब्याज सहित चुकाए गए। SEBI ने अपने PFUTP नियमों के तहत यह भी स्पष्ट किया कि फंड डायवर्ज़न, पैसों की हेराफेरी या शेयरधारकों को नुकसान का कोई सबूत नहीं मिला।

इस आदेश के साथ, गौतम अडानी, राजेश अडानी और अडानी ग्रुप के सभी संबंधित पक्ष पूरी तरह से बरी कर दिए गए हैं। यह निर्णय अडानी ग्रुप के लिए बाजार में विश्वास बहाल करने और समूह की गिरती मार्केट वैल्यू को स्थिर करने में महत्वपूर्ण कदम है।

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