वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी ATS की टीम ने शुक्रवार की रात ज्ञानवापी सहित वाराणसी के प्रमुख मस्जिदों की रेकी करने पहुंचे म्यांमार के घुसपैठिए को गिरफ्तार किया। मिली जानकारी के अनुसार रोहंगिया मुसलमानों को भारत में अवैध दस्तावेज तैयार कर घुसपैठ करवाने वाले गुर्गे को ATS की टीम ने कैंट रेलवे स्टेशन के सेकेंड एंट्री गेट से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पकड़े गए घुसपैठिए मोहम्मद अब्दुल्ला ने कई अहम राज खोले है, तो वही उसके पास से ATS की टीम को कई अहम दस्तावेज और रोहंगिया व बंगलादेश से घुसपैठ करवाने वाले के नाम नम्बर जानकारी मिली है। अधिकारियों के अनुसार पूछताछ में इससे पहले भी मोहम्मद अब्दुल्ला ने वाराणसी आने की बात स्वीकारी है।

24 घंटे वाराणसी में की रेकी, नाम बदल पश्चिम बंगाल में रहता था घुसपैठिया मोहम्मद अब्दुल्ला

वाराणसी में ATS के हत्थे चढ़ा मोहम्मद अब्दुल्ला गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर से वाराणसी पहुंचा था। पूछताछ में उसने ज्ञानवापी और कई अन्य मस्जिदों में जाने की बात कबूला है। सूत्रों के अनुसार मोहम्मद अब्दुल्ला ने ज्ञानवापी के साथ वाराणसी के प्रमुख मस्जिदों में जाकर वहां के विवादों के बारे में स्थानीय लोगो से जानकारी इकट्ठा किया। वही हाल ही में वक्फ़ बोर्ड और यूपी कॉलेज के बारे में भी जानकारी लिया। शुक्रवार को वाराणसी ज्ञानवापी के पास संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जैसे ही ATS को भनक लगी, वैसे ही ATS अलर्ट मोड पर आकर संदिग्ध की तलाश में जुट गई। शुक्रवार की रात ATS ने मोहम्मद अब्दुल्ला वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के सेकेंड एंट्री गेट के पास से गिरफ्तार किया।

पश्चिम बंगाल में नाम बदलकर बनाया ठिकाना, ATS की टीम कर रही थी तलाश

ATS के पूछताछ में गिरफ्तार हुआ घुसपैठिए मोहम्मद अब्दुल्ला ने बताया कि वह म्यांमार के मांगडू के अकयाब जनपद का रहने वाला है। भारत में घुसपैठ कर वर्ष 2018 में नाम बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया। फर्जी दस्तावेज के माध्यम से पश्चिम बंगाल में आर्थिक मदद से जमीन खरीदी। एटीएस के अधिकारियों के अनुसार पूर्व में गिरफ्तार घुसपैठ करवाने वाले आरोपियों से पूछताछ के बाद मोहम्मद अब्दुल्ला की पहचान की गई और इसकी तलाश की जा रही थी। फिलहाल मोहम्मद अब्दुल्ला से ज्ञानवापी सहित अन्य मस्जिदों के साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर जाने की वजह जानने की कोशिश किया जा रहा है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन के साथ तीन मेमोरी कार्ड और भारत का फर्जी नाम से बना आधार, पैन कार्ड और निर्वाचन कार्ड मिला है।

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