Mumbai : वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज के इमरजिंग मार्केट्स विश्लेषक क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे भारत के शेयरों को बेचने के बजाय खरीदें। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दबावों के बावजूद भारत को अपने निवेश और आर्थिक दृष्टिकोण में पीछे नहीं हटना चाहिए।

वुड ने अपनी व्यापक रूप से पढ़ी जाने वाली न्यूज़लेटर Greed & Fear में बताया कि भारतीय आयात पर प्रस्तावित 50% टैरिफ को लेकर निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “यह भारतीय शेयरों को खरीदने का अवसर है।” उनका मानना है कि अमेरिका लंबी अवधि में इस टैरिफ नीति पर टिक नहीं पाएगा।

जेफरीज के अनुसार, भारत ने पिछले 12 महीनों में इमरजिंग मार्केट्स में सबसे ज्यादा अंडरपरफॉर्म किया है, लेकिन यह रुझान अब बदलने वाला है। भारत की कीमतें 10 साल की औसत PE प्रीमियम के करीब लौट आई हैं, जो निवेशकों के लिए एक अनुकूल समय है।

वुड ने वैश्विक भू-राजनीति की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि ट्रंप के व्यापारिक रवैये ने अनजाने में BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के गठबंधन को मजबूत किया है और गैर-डॉलर व्यापार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के पास ठोस विदेशी नीति ढांचा नहीं है, जिसके कारण BRICS देशों के बीच सहयोग बढ़ा है। वुड ने लिखा, “ट्रंप ने चीन, रूस, भारत और ब्राजील को पहले कभी न देखे गए स्तर पर एक साथ लाया है। वास्तव में, BRICS को नया जीवन मिला है।”

अंत में वुड का स्पष्ट संदेश है: वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत निवेश के लिए एक रणनीतिक और आकर्षक विकल्प है। निवेशकों को अब भारत के शेयरों में निवेश करना चाहिए, न कि बाहर निकलना।

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