Purchasing Managers’ Index: भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधियों में जून महीने में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। HSBC द्वारा जारी फ्लैश इंडिया कॉम्पोजिट पीएमआई (Purchasing Managers’ Index) के अनुसार, जून में प्राइवेट सेक्टर की ग्रोथ 14 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
HSBC और S&P Global की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 में PMI इंडेक्स 61 तक पहुंच गया, जो मई के संशोधित आंकड़े 59.3 से कहीं बेहतर है। यह इंडेक्स लगातार 47वें महीने 50 के ऊपर बना हुआ है, जो यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विस्तार कर रही है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे तेज़ उछाल
जून में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 58.4 पर पहुंच गया, जो मई में 57.6 था। रिपोर्ट के अनुसार, नए ऑर्डर्स, आउटपुट और हायरिंग में तेज़ बढ़ोतरी के चलते मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस में अप्रैल 2024 के बाद सबसे बेहतरीन सुधार दर्ज किया गया।
घरेलू और ग्लोबल मांग बनी ग्रोथ की रीढ़
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में नए ऑर्डर्स और एक्सपोर्ट डिमांड में बढ़ोतरी ने कारोबार को रफ्तार दी। HSBC की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा, “मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में ही ऑर्डर बुक मज़बूत रही। खासकर एक्सपोर्ट ऑर्डर्स ने ग्रोथ को मजबूती दी।”
नौकरियों में बढ़ोतरी, लेकिन संतुलित रफ्तार
जून में कंपनियों ने स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की भर्तियां कीं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रिकॉर्ड स्तर पर हायरिंग हुई। सर्विस सेक्टर में हायरिंग की रफ्तार मई के मुकाबले थोड़ी धीमी रही, लेकिन सकारात्मक बनी रही।
कीमतों में नरमी के संकेत
रिपोर्ट बताती है कि इनपुट और आउटपुट की कीमतों में अभी भी वृद्धि जारी है, लेकिन तेज़ी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। इससे संकेत मिलता है कि महंगाई दबाव कम हो सकता है।
बैकलॉग और उत्पादन क्षमता पर दबाव
जून में कंपनियों पर काम का दबाव बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, “अधूरे काम की मात्रा लगातार साढ़े तीन सालों से बढ़ रही है और जून में भी इसमें तेजी रही।”
भारत का प्राइवेट सेक्टर जून 2025 में मजबूत स्थिति में नजर आया है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में तेज़ी, रोजगार में इज़ाफा और वैश्विक मांग से मिल रहा समर्थन — ये सभी संकेत देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक हैं। अगर यही रफ्तार बनी रही, तो Q2 में GDP ग्रोथ के आंकड़े और बेहतर हो सकते हैं।