Madhya Pradesh Liquor Controversy. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतु पटवारी ने मंगलवार को एक बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलकों में नया विवाद खड़ा कर दिया। भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की महिलाएं देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक शराब पीती हैं, और इस स्थिति के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है।
जीतू पटवारी का बयान
पटवारी ने कहा अगर आपका बेटा बेरोज़गार है, अगर वह नशे में घर आता है, तो इसके लिए जिम्मेदार भाजपा, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव हैं। हमारी बहनें और बेटियां नशा करने लगी हैं। भाजपा ने लाड़ली बहना के नाम पर वोट लिए, लेकिन हकीकत में मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज़्यादा नशा करती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एनएफएचएस-5 और सरकारी रिपोर्टों के अनुसार मध्य प्रदेश में महिलाओं और युवाओं में शराब की खपत और लत में चिंताजनक वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों की 2.1% और शहरी क्षेत्रों की 0.6% महिलाएं शराब पीती हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताई नाराज़गी
जीतू पटवारी के बयान पर सीएम मोहन यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने कभी महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया और न ही लाड़ली लक्ष्मी या लाड़ली बहना जैसी योजनाएं बनाई। इसके बजाय कांग्रेस हमारी बहनों को शराबी कहती है। यह 50 प्रतिशत आबादी का अपमान है। कांग्रेस अध्यक्ष को तुरंत माफ़ी मांगनी चाहिए। लाड़ली बहनों के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
एनएफएचएस-5 के आंकड़े और सच्चाई
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में शराब का सेवन अरुणाचल प्रदेश में 24% और सिक्किम में 16% है। मध्य प्रदेश में महिलाओं की शराब की खपत पर चिंता जताते हुए पटवारी ने कहा कि हाल के वर्षों में राज्य में शराब की लत और खपत में वृद्धि देखी गई है। कई जिलों में महिलाएं अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रही हैं।
सियासी विवाद
जीतू पटवारी के बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा नेताओं ने इसे महिलाओं का अपमान करार दिया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि यह सरकारी रिपोर्ट और आंकड़ों पर आधारित सच है।