प्रयागराज: संभल जिले की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद में आज (सोमवार) इलाहाबाद हाई कोर्ट एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाने जा रहा है। यह फैसला उस सिविल रिवीजन याचिका पर आएगा, जिसे मस्जिद कमेटी ने दाखिल किया था। याचिका के ज़रिए कमेटी ने संभल की स्थानीय अदालत द्वारा मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने पहले रख लिया था फैसला सुरक्षित
13 मई को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मस्जिद कमेटी, मंदिर पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वकील की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित किया था, जिसे अब आज दोपहर 2 बजे सुनाया जाएगा।
क्या है मामला?
हिंदू पक्ष ने संभल की अदालत में दावा किया है कि मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इस दावे के समर्थन में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने नवंबर 2024 में एक एडवोकेट कमीशन नियुक्त कर मस्जिद का प्रारंभिक सर्वे करने का निर्देश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इसी आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी।
मस्जिद कमेटी का तर्क
मस्जिद कमेटी की ओर से दलील दी गई कि सिविल कोर्ट ने जल्दबाज़ी में बिना ठोस आधार के सर्वेक्षण आदेश दिया और मूल वाद की सुनवाई लंबित रहते हुए सर्वेक्षण की अनुमति दी गई, जो विधिक रूप से गलत है। इसी आधार पर हाई कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई।
फिलहाल रोकी गई है निचली अदालत में सुनवाई
हाई कोर्ट ने पहले ही संभल की जिला अदालत में लंबित मूल वाद पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी। अब सबकी निगाहें आज आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जो इस संवेदनशील मामले में अगला रुख तय करेगा। यह फैसला न सिर्फ संभल, बल्कि देशभर में चल रहे धार्मिक स्थलों के सर्वे विवादों की कड़ी में एक और बड़ा कानूनी पड़ाव माना जा रहा है।