लखनऊ : ग्रामीण इलाकों के हर घर में नल कनेक्शन पहुंचने से स्थानीय लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन में किस तरह के बदलाव आए, इसका अध्ययन आईआईएम, बीएचयू और केजीएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान करेंगे। प्रदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण और प्रबंधन संस्थानों को 8 मंडलों में जल जीवन मिशन योजना पहुंचने के बाद के आए बदलाव का अध्ययन करने के लिए चुना गया है। ये सभी संस्थान बदलावों के अध्ययन के साथ-साथ सुझाव भी देंगे कि कौन से उपाय अपनाकर योजना को और भी प्रभावी बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में अब तक 2.85 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने वाला राज्य बन गया है।
किन संस्थानों को मिली है अध्ययन की जिम्मेदारी
लखनऊ मंडल के 6 जिलों लखनऊ, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव में जल जीवन मिशन योजना के बाद आए बदलावों का अध्ययन करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम लखनऊ को चुना गया है। वहीं अयोध्या मंडल के पांच जिलों अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी और अयोध्या में अध्ययन का जिम्मा केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ को सौंपा गया है। वाराणसी मंडल के वाराणसी, चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर में योजना के प्रभावों का अध्ययन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय करेगा। इसी तरह प्रयागराज मंडल के फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज में आए बदलावों का अध्ययन प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू) भइया विश्वविद्यालय, बरेली मंडल के बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर का अध्ययन महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखंड यूनिवर्सिटी करेगी। आजमगढ़ मंडल के बलिया जिले का अध्ययन जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी करेगी , अलीगढ़ मंडल के जिलों अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज का अध्ययन कार्य अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय करेगा। सहारनपुर मंडल के मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर जिले का अध्ययन मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय करेगा।

गौरतलब है कि इससे पहले बुंदेलखंड के जिलों में जल जीवन मिशन योजना से आए प्रभावों का अध्ययन शिक्षण संस्थान कर चुके हैं। बुंदेलखंड के जिलों में हुए अध्ययन में पाया गया था कि योजना के हर परिवार तक पहुंचने से पीने के पानी का संकट से लोगों को निजात मिली है। वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड से होने वाले पलायन, जल जनित बीमारियों में कमी आई है। साथ ही पीने का पानी के इंतजाम में लगे रहने वाले स्कूली बच्चों के स्कूल ड्रॉप आउट रेट में भी कमी आई है।
इन प्रभावों का अध्ययन करेंगे शिक्षण संस्थान
- जल जीवन मिशन योजना आने के बाद लोगों के जीवन किस तरह के आर्थिक बदलाव आए
- योजना से स्थानीय स्तर पर जलजनित बीमारियों में कितनी कमी आई
- बेसिक शिक्षा के स्कूलों में ड्रॉपरेट में किस तरह से कमी आई
- ग्रामीण इलाकों में हर घर तक नल कनेक्शन पहुंचने के बाद स्थानीय स्तर पर विशेषकर सुविधाओं के लिए शहरों में होने वाले पलायन में किस तरह की कमी आई
- योजना से स्थानीय स्तर पर लोगों को कैसे उनके गांव में ही रोजगार के अवसर मुहैया हुए