Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले में चार राजस्व निरीक्षकों समेत 10 कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, जिनके खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई की है. सीएम ने सभी दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं.

घोटाले में हुआ फर्जी भुगतान

दरअसल, जौनपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-135 ए (मडियाहूं बाईपास), 56-731 बी के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान एक बड़े वित्तीय घोटाले का पता चला है. जांच में यह सामने आया कि 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान किया गया था. इस घोटाले में दोषी पाए गए कर्मचारियों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर 46 काश्तकारों की फर्जी पत्रावलियां तैयार कीं और भुगतान के लिए चेक जारी किए. साथ ही राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों के काश्तकारों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे. इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 46 काश्तकारों को खड़ा किया गया, जिनकी ओर से भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई.

जांच में बड़ा खुलासा

जांच में यह सामने आया कि भुगतान के लिए 4,54,42,759 रुपये का चेक जारी किया गया था, जिसमें से 4,00,29,741 रुपये का भुगतान भी किया गया. हालांकि, जांच समिति ने 54,13,018 रुपये के चेक को रद्द कर दिया.

राजस्व निरीक्षक दोषी पाए गए

इस घोटाले में चार राजस्व निरीक्षकों – संतोष तिवारी, उदयराज, शिवकुमार और बृजेश सिंह – को फर्जी भुगतान में दोषी ठहराया गया है. जिनको सीएम ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही नियुक्ति विभाग ने कार्रवाई के लिए संबंधित फाइल को राजस्व विभाग को भेज दी है. अब राजस्व विभाग द्वारा घोटाले में शामिल अन्य कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगा…

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