आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने हाल ही में भारत समाचार के एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा के पॉडकास्ट में एक बेहद दिलचस्प किस्सा साझा किया। राजनीति की व्यस्तता में किस हद तक इंसान अपने निजी जीवन से कट जाता है, इसका उदाहरण खुद संजय सिंह ने दिया।
उन्होंने बताया कि एक बार उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें बच्चों के रिजल्ट लेने स्कूल जाना पड़ा। वहां स्कूल प्रबंधक ने उनसे बच्चों के नाम पूछे। उस समय वे घर पर बच्चों को बुलाए जाने वाले उपनाम ही बता बैठे। यह सुनकर प्रबंधक हैरान रह गया क्योंकि स्कूल में उनके बच्चों के आधिकारिक नाम अलग थे। इसके बाद उन्होंने घर पर फोन कर बच्चों ने उनका आधिकारिक नाम पूछा उसके उपरांत उन्हें स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों का रिजल्ट दिया गया।
संजय सिंह ने हंसी-मजाक में कहा कि राजनीति का दबाव और लगातार व्यस्त कार्यक्रम के कारण कई बार परिवार से जुड़े छोटे-छोटे पल भी छूट जाते हैं। हालांकि, यह किस्सा उनकी सादगी और ईमानदारी को भी दर्शाता है कि उन्होंने खुद इस वाकये को सार्वजनिक मंच पर साझा किया।
इस पॉडकास्ट में संजय सिंह ने अपने राजनीतिक सफर, सुल्तानपुर से दिल्ली तक के संघर्ष और निजी जीवन की कई अनसुनी कहानियां सुनाईं। कैसे उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर आम आदमी पार्टी में अपनी जगह बनाई, कैसे विरोध और संघर्ष का सामना किया और आज राज्यसभा तक पहुंचे—इन सभी पहलुओं पर उन्होंने खुलकर चर्चा की।
यह पॉडकास्ट न केवल उनके जीवन के अनसुने पहलुओं को सामने लाता है बल्कि यह भी बताता है कि राजनीति के बीच इंसान भी कितनी मानवीय गलतियाँ कर सकता है। तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके पूरा पॉडकास्ट देखिये।