नई दिल्ली: देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में गुजराती दंपति कुसुम बेन और अनिलचंद्र शाह के घर हुआ। अमित शाह के दादा गायकवाड़ के बड़ौदा राज्य की एक छोटी सी रियासत मानसा में एक धनी व्यापारी (नगर सेठ) थे। बचपन से ही उन्हें परिवार और सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा मिली। अमित शाह 16 वर्ष की आयु तक अपने पैतृक गांव मानसा में रहे और यहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। इसके बाद उनका परिवार अहमदाबाद आ गया। उनकी मां का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव था। वह कट्टर गांधीवादी थीं और उन्होंने उन्हें खादी पहनने और नैतिक मूल्यों में विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया।

सार्वजनिक जीवन की शुरुआत (1980)

अमित शाह का सार्वजनिक जीवन 1980 में शुरू हुआ। उस समय वे मात्र 16 वर्ष के थे और उन्होंने युवा स्वयंसेवक के रूप में संघ में भाग लिया। इसके साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़कर अपने राजनीतिक सफर की नींव रखी। 1982 में अमित शाह को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गुजरात इकाई का संयुक्त सचिव बनाया गया।

1984 में उन्होंने नारायणपुर वार्ड के संघवी बूथ पर मतदान एजेंट के रूप में भाजपा के लिए काम किया। 1987 में वे भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हुए। इस समय उनका संपर्क समाज सुधारक नानाजी देशमुख से हुआ, जिन्होंने उन्हें कार्यशैली और संगठन कौशल सिखाया।

बीजेपी में अहमदाबाद इकाई का सचिव (1989)

1989 में अमित शाह भाजपा की अहमदाबाद इकाई के सचिव बने। उस समय पूरे देश में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन चल रहा था। उन्होंने इस आंदोलन और बाद में एकता यात्रा में पार्टी के लिए जिम्मेदारी निभाई। जब भी लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी गांधीनगर लोकसभा से चुनाव लड़े, अमित शाह ने चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नरेंद्र मोदी के संपर्क में आने का समय (1990 के दशक)

1990 के दशक में गुजरात में भाजपा का उदय हुआ। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात भाजपा के संगठन सचिव थे। अमित शाह का उनसे संपर्क इसी समय हुआ। शाह ने सदस्यता अभियान का दस्तावेजीकरण किया और पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में योगदान दिया।

विधायक बनने का सफर (1997-2012)

1997 में अमित शाह भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने। उसी वर्ष वे सरखेज विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार बने और 25,000 मतों के अंतर से जीतकर पहली बार विधायक बने। इसके बाद 2012 तक वे लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे।

1998 में वे गुजरात भाजपा के प्रदेश सचिव बने और एक वर्ष के भीतर उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का पद मिला। उनकी बढ़ती जिम्मेदारी और संगठन कौशल ने उन्हें पार्टी के महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्थापित किया।

2002, 2009 और 2013 में अहम जिम्मेदारियां

2002 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव में अमित शाह को ‘गौरव यात्रा’ जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। वे गुजरात सरकार में मंत्री बने और गृह, यातायात, मद्यनिषेध, संसदीय कार्य, विधि एवं आबकारी जैसे विभागों का नेतृत्व किया।

2009 में अमित शाह को गुजरात क्रिकेट संघ का उपाध्यक्ष बनाया गया। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने। 2013 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।

2014 के लोकसभा चुनाव और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद

2014 में जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश से 73 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। इस रणनीति ने शाह की कुशल राजनीतिक क्षमता को उजागर किया। 9 जुलाई 2014 को उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

गांधीनगर से सांसद और गृह मंत्री बनने तक (2019)

अमित शाह ने 2019 में पहली बार गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा और 70 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की। 2019 में उन्हें देश के गृह मंत्री बनाया गया। गृह मंत्री के रूप में उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और कई ऐतिहासिक निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाई।

अमित शाह की कार्यशैली और पहचान

अमित शाह अनुशासित और समर्पित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। वे इतिहास और अध्यात्म में रुचि रखते हैं। देश के गृह मंत्री के रूप में वे आज भी पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। अमित शाह का सफर संघर्ष, संगठन कौशल और समर्पण से भरा रहा है। एक व्यापारी परिवार के बेटे से लेकर देश के गृह मंत्री बनने तक का यह सफर उन्हें सियासत की दुनिया का चाणक्य बनाता है।

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