लखनऊ : अभी तीन दिन पहले नोएडा में हुए एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में 65 करोड़ की रंगदारी और blackmail करने के आरोप में भारत-24 की anchor शाजिया निसार और अमर उजाला की डिजिटल शाखा में काम कर रहे आदर्श झा को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया और “बबली-बँटी” की यह जोड़ी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में सींखचों के पीछे बंद है। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार शाजिया को जेल में दूसरे कैदियों के साथ सफाई करते देखा गया। इसी प्रकार शाजिया के बॉयफ्रेंड और गाजियाबाद में उसके साथ live-in-relationship में रह रहे आदर्श झा भी दूसरे कैदियों के तरह सफाई के काम में जुटे देखे गए। अब इन दोनों की गिरफ़्तारी की बाद मामले में सह-आरोपी शाजिया की माँ नसीम बानो को भी नोएडा पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।

भारत-24 के सीईओ जगदीश चंद्रा, सीनियर एडिटर सैयद उमर, consulting editor डॉ अनीता हाड़ा, Hr-head अनु श्रीधर, पोलिटिकल एडिटर अदिति नागर, अमित कुमार ओझा, लक्ष्मी मिश्रा, शान नंदा, अमित कुमार, प्रफुल्ल कुमार और शशिकेश रंजन को sexual harassment, rape, mental torture और जान से मारने की झूँठी धमकी देने के कारण शाजिया को गिरफ्तार किया गया है। देश के पूरे पत्रकार जगत में blackmail एवं रंगदारी के इस रैकट का भंडाफोड़ करने के लिए नोएडा की पुलिस कमिशनर लक्ष्मी सिंह की तारीफ हो रही है। गिरफ्तारी से पहले शाजिया के घर की तलाशी में पुलिस को 34.50 लाख रुपये की नकदी मिली। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पुलिस जाँच टीम को उसके बैंक अकाउंट में एक करोड़ से ज़्यादा रुपये होने की जानकारी मिली है। उसने लक्ज़री बड़ी कार और करोड़ रुपये से ज़्यादा का फ्लैट खरीदा हुआ है।

शाजिया का दुस्साहस देखिए कि पुलिस द्वारा जब्त किये गए एक ओडियो में वह साफतौर पर यह कहती सुनाई दे रही है कि यदि जरूरत पड़ी तो सीईओ और सीनियर एडिटर के खिलाफ वह rape तक का झूँठा मुकदमा दर्ज करवा सकती है।

दिलचस्प बात यह है कि रंगदारी की यह कहानी 2 करोड़ से लेकर 5 करोड़ तक और फिर 5 करोड़ से सीधे ही 65 करोड़ तक जा पहुंची। sexual harassment जैसे अपराधों के झूँठे आरोपों से बचने के लिए भारत-24 के शीर्ष प्रबंधन ने एक रणनीति बनाई जिसके तहत पिछले एक वर्ष के दौरान शाजिया को चैनल द्वारा टुकड़ों-टुकड़ों में कुल 2.26 करोड़ रुपये का भुगतान चेक द्वारा किया गया और इसी दौरान शाजिया के खिलाफ सबूत एकत्र करने की कार्यवाही जारी रही। जब शाजिया ने 7 जून को यह धमकी दी कि उसे 65 करोड़ रुपये के दस्तखतशुदा आश्वासन या agreement 10 जून तक नहीं मिला तो वह उक्त सभी लोगों के खिलाफ अलग–अलग प्रकार के झूँठे मुकदमे दर्ज करवाएगी । इस धमकी के साथ ही चैनल की लीडरशिप एक्शन में आई, नोएडा पुलिस से संपर्क किया और फिर चैनल के अलग-अलग लोगों द्वारा दर्ज करवाई गई 6-7 FIR एक आधार पर नोएडा पुलिस ने शाजिया और उसके बॉयफ्रेंड को रात के ढाई बजे गिरफ्तार कर लिया। दिलचस्प बात यह हैः कि गिरफ़्तारी के समय ये दोनों तिलकनगर के पैसिफिक सिनेमाघर में फिल्म देख रहे थे। अब कानूनी कार्रवाई पूरी होती ही blackmail and extortion की धमकी दे कर भारत-24 के लोगों से वसूली उक्त 2.26 करोड़ की सम्पूर्ण राशि चैनल के लोगों को वापस मिल जाएगी। गौरतलब है कि भारत-24 द्वारा शाजिया निसार और अमर उजाला प्रबंधन द्वारा आदर्श झा की सेवाएं पहले ही समाप्त की जा चुकी हैं।

आदर्श के बारे में यह आमधारणा थी कि वह एक अच्छ anchor है लेकिन शाजिया की संगत में आने के बाद वह भी बिगड़ गया और एक co-accused और बिजनस पार्टनर की तरह शाजिया के blackmail और extortion धंधे में शामिल हो गया। शाजिया ने जब-जब अपनी 65 करोड़ के डील को negotiate किया उस समय आदर्श झा भी शाजिया के साथ वहाँ मौजूद था। दोनों के बीच प्रतिदिन औसतन 10-15 बार फोन पर बात होती थी और जानकार सूत्रों के अनुसार पिछले 6 महीनों में इन दोनों के बीच 2000 से ज्यादा बार बातचीत हुई अर्थात दोनों मिल कर blackmail और extortion की planning का काम करते थे। सूत्रों के अनुसार 65 करोड़ की रंगदारी की राशि से शाजिया का इरादा दुबई और लंदन में मकान खरीदने का था लेकिन अब जेल चले जाने के कारण शाजिया और आदर्श झा के इस सपने का भी अंत हो गया ।

इस प्रकार स्पष्ट है कि भारत-24 के शीर्ष नेतृत्व ने एक सोचीसमझी रणनीति के तहत काम किया और शाजिया और आदर्श झा को कानून की गिरफ्त में लिया। गौरतलब है कि एक मुस्लिम महिला एंकर और एक हिन्दू एंकर के आपसी गठजोड़ से चलाए जा रहे इस blackmail और extortion की इस पड़ताल के दौरान इस बात का भी पता लगाएगी कि एंकर, पत्रकार और influencer के भेष में blackmail और रंगदारी का काम कौन-कौन लोग कर रहे हैं ?

इस सारे घटनाक्रम को लेकर आज सब लोगों के मन में दो ही सवाल हैं ? पहला यह है कि चैनल ने इतने दिनों तक् इस blackmail को क्यों बर्दाश्त किया और पहले ही दिन इन दोनों को पुलिस को क्यों नहीं सुपुर्द किया ? इस सवाल का उत्तर यह है कि चैनल ने हर स्तर पर यौन उत्पीड़न और mental torture के झूँठे मुकदमे से बचने की पूरी कोशिश की क्योंकि महिला उत्पीड़न के मौजूदा कानून में महिला को अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। दूसरा सवाल यह है कि जगदीश चंद्रा जैसे उदारवादी व्यक्ति ने इतना कठोर कदम क्यों उठाया और दो एंकर्स को सीधे ही जेल भिजवा दिया? इसका जवाब यह है कि इस बार शायद पानी सर से ऊपर गुजर गया था

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