लखनऊ : उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के नेक्सस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यूपी एसटीएफ ने अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बलरामपुर से गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा ने पुणे और लोनावला में करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई थी, जिसमें एक संपत्ति की कीमत लगभग 16 करोड़ रुपये है। इसके लिए उसे विदेशी फंडिंग भी मिल रही थी।
विदेशी फंडिंग और कोर्ट क्लर्क की पत्नी बनी शेयरहोल्डर
एसटीएफ की जांच में यह बात भी सामने आई है कि छांगुर बाबा ने पुणे में जो प्रॉपर्टी खरीदी थी, उसमें उसने अपने गुर्गों नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और मोहम्मद अहमद खान को पार्टनर बनाया था। इस डील में बलरामपुर सीजेएम कोर्ट में तैनात क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता को प्रॉफिट शेयरहोल्डर बनाया गया था। आरोप है कि राजेश उपाध्याय कोर्ट में धर्मांतरण के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए केस दर्ज करवाने में मदद करता था।
18 सदस्यीय गैंग में से 4 गिरफ्तार, 14 की तलाश जारी
छांगुर बाबा का गैंग 18 लोगों का है, जिनमें से अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 14 अन्य फरार हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह पूरा नेटवर्क गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औरैया से लेकर पुणे तक फैला हुआ था और इसमें तहसीलों व न्यायालयों तक की साजिशें शामिल थीं।
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की भी जांच
जांच एजेंसियों को ऐसे इनपुट मिले हैं कि यह गिरोह अवैध धर्मांतरण के साथ-साथ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की साजिशों में भी शामिल था। युवतियों और नाबालिगों को प्रेम जाल, लालच और धमकी के ज़रिए धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था।
एसटीएफ की कार्रवाई से नेक्सस ध्वस्त
एसटीएफ द्वारा घोषित 50 हजार रुपये के इनामी छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। ATS की रिपोर्ट में इसे एक संगठित राष्ट्रविरोधी साजिश करार दिया गया है, जिसमें न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग भी सामने आया है।