PM Modi Chola legacy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर गंगाइकोंडा चोलापुरम में आयोजित एक कार्यक्रम में चोल साम्राज्य की विरासत को “विकसित भारत” की दिशा में प्रेरणा का स्त्रोत बताया। उन्होंने कहा कि चोलों का सैन्य कौशल, समुद्री शक्ति और प्रशासनिक दक्षता आज के भारत के लिए एक रोडमैप की तरह है।

पीएम मोदी ने कहा, “राजेन्द्र चोल और राजराजा चोल ने जिस दूरदर्शिता से शासन किया, वह आज के भारत के लिए दिशा-निर्देशक बन सकता है। उनके द्वारा स्थापित आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक मूल्य हमें आत्मनिर्भर भारत की भावना से जोड़ते हैं।”

इतिहास से वर्तमान की राह

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने चोल शासकों को श्रद्धांजलि देते हुए यह भी बताया कि राजेंद्र चोल प्रथम का शासनकाल भारत के प्राचीन नौसैनिक सामर्थ्य का प्रतीक रहा है। चोलों ने श्रीलंका से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक समुद्री अभियान चलाए थे और उनकी प्रशासनिक व्यवस्था लोकहितकारी मानी जाती थी।

मूर्ति स्थापना और स्मारक सिक्का

मोदी ने इस मौके पर घोषणा की कि राजराजा चोल और राजेंद्र चोल की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी और उनकी स्मृति में एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया जाएगा। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को भारत की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है।

Kudavolai प्रणाली का ज़िक्र

पीएम ने चोल साम्राज्य की लोकतांत्रिक परंपराओं का भी उल्लेख किया और बताया कि Kudavolai प्रणाली, यानी वोटिंग द्वारा ग्राम सभाओं का चुनाव, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की जड़ें कितनी गहरी रही हैं यह उसका प्रमाण है।

‘विकसित भारत’ के लिए आत्मबल और सामरिक शक्ति की ज़रूरत

प्रधानमंत्री ने भारत की रक्षा तैयारियों और नौसेना के आधुनिकीकरण की बात करते हुए कहा कि जैसे चोल साम्राज्य ने समुद्र के रास्ते व्यापार और शक्ति विस्तार किया था, वैसे ही आज के भारत को भी वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करनी होगी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी तेज़

प्रधानमंत्री के इस बयान पर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “चोलों के पास कभी ख़ुफ़िया तंत्र की विफलता नहीं हुई, जबकि आज भारत को सुरक्षा मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।” वहीं, DMK ने चोल विरासत को तमिल अस्मिता का हिस्सा बताते हुए केंद्र से “सांस्कृतिक समावेश” की बात कही।

भारत की सभ्यता के गर्भ से विकास की नई सोच

प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल यह दर्शाती है कि भारत अब अपनी प्राचीन सभ्यता की गौरवगाथा को वर्तमान विकास के विमर्श से जोड़ रहा है। चोल साम्राज्य केवल अतीत की बात नहीं, बल्कि “विकसित भारत” के सपने की ऐतिहासिक नींव बनता जा रहा है।

https://youtu.be/KDxSFv1IoYE

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