रिपोर्ट-हरिपाल सिंह

पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के ललौरीखेड़ा ब्लॉक स्थित नूरपुर गांव की एक गौशाला इन दिनों मौत की तस्वीर बन चुकी है। गौशाला में भूख-प्यास से दम तोड़ती गायों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बेजुबान गायें चारे और पानी के अभाव में एक-एक कर मर रही हैं, और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।

हिंदू संगठनों की छापेमारी से खुली पोल

हाल ही में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा की गई छापेमारी के बाद यह भयावह सच्चाई सामने आई। गौशाला में चारा डालने की जगह के पास से ही 8 गायें मृत अवस्था में पड़ी मिलीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें खाना-पानी तक मुहैया नहीं कराया गया था।

कंकालों के ढेर और तस्करी की आशंका

छापेमारी के दौरान दो बोरे गायों के कंकालों से भरे मिले। साथ ही गौशाला परिसर के पीछे भारी मात्रा में खुलेआम आसमान के नीचे गायों के कंकाल और खाल के टुकड़े पाए गए, जिससे गायों की मौत के बाद तस्करी की भी आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों और संगठनों का कहना है कि यह गौशाला अब कथित रूप से बूचड़खाने में तब्दील हो चुकी है।

गायों की दुर्दशा और अव्यवस्था की तस्वीरें

गौशाला के अंदर गंदगी, कीचड़ और बदइंतजामी का आलम इतना भयावह है कि कई मरणासन्न गायें कीचड़ में पड़ी तड़पती नजर आईं। न चारा है, न पानी, और न ही कोई देखरेख । हालात देखकर स्पष्ट है कि यहां प्रशासनिक निगरानी पूरी तरह गायब है।

गायों की मौत पर सवाल के घेरे में प्रशासन

हिंदू संगठन ने इस मामले में गंभीर लापरवाही और पशु क्रूरता का आरोप लगाते हुए तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है । गौशालाएं जहां गौ सेवा का प्रतीक होती हैं, वहीं ऐसी घटनाएं उन सभी दावों को झूठा और दिखावटी बना देती हैं, जो गायों की रक्षा को लेकर समय-समय पर किए जाते हैं । ऐसे में क्या सरकार इस पर कोई सख्त कदम उठाएगी? क्या दोषियों को सजा मिलेगी ? या फिर ये बेजुबान यूं ही दम तोड़ते रहेंगे?

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