लखनऊ। जगन्नाथ पुरी की भव्य रथ यात्रा के मौके पर अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एक ऐसा कार्य किया जिसने हर किसी का दिल छू लिया। अदानी परिवार ने ISKCON (इस्कॉन) द्वारा संचालित भव्य रसोई में पहुंचकर न केवल व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, बल्कि स्वयं सेवा (सेवा कार्य) में भी भाग लिया।
उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. प्रीति अदाणी और पुत्र करण अदाणी भी मौजूद रहे। पूरे परिवार ने प्रसाद तैयार करने वाली टीम के साथ मिलकर रोटी बेलने और सब्जी पकाने में मदद की, जिससे वहां मौजूद सभी स्वयंसेवकों के चेहरे खिल उठे।
सेवा में लगा परिवार, सुरक्षा हटाई किनारे
जब ISKCON के स्वयंसेवकों ने गौतम अदाणी से आग्रह किया कि वे कुछ देर रसोई सेवा में भाग लें, तो शुरू में उनकी सुरक्षा टीम ने मना किया। लेकिन गौतम अदाणी ने सभी की खुशी के लिए विनम्रता से प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और खुद बेलन उठाकर पुरी बेलने लगे। साथ ही उन्होंने बड़ी कढ़ाही में सब्जी भी हिलाई। एक विशेष क्षण तब देखने को मिला जब डॉ. प्रीति अदाणी एक भारी बर्तन (खमचा) संभालने में संघर्ष कर रही थीं, तभी करण अदाणी ने तुरंत आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया। यह दृश्य न केवल पारिवारिक मूल्यों की झलक देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि यह परिवार सेवा, सहयोग और संस्कारों में भी उतना ही समृद्ध है जितना कि व्यापार में।
भक्ति और सेवा का अनूठा संगम
ISKCON के प्रबंधन ने इस अवसर पर कहा गौतम अदाणी द्वारा रसोई सेवा में भाग लेना हमारे लिए अत्यंत प्रेरणादायक था। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची महानता पद में नहीं, सेवा में होती है।” ISKCON ने यह भी कहा कि अदाणी परिवार की यह सादगी और सांस्कृतिक सेवा में भागीदारी भविष्य में अन्य कॉरपोरेट नेताओं को भी भारतीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने की प्रेरणा देगी।
क्यों खास हैं ISKCON के किचन?
पुरी रथ यात्रा और कुंभ जैसे आयोजनों में ISKCON का किचन दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं को रोज़ाना निशुल्क शुद्ध शाकाहारी प्रसाद वितरित करता है। इस प्रयास में अदाणी समूह की भी भागीदारी रही है। गौतम अदाणी और उनके परिवार द्वारा रसोई सेवा में भाग लेना केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और सेवा भावना की गहराई को दर्शाता है। यह कदम देश के कॉरपोरेट वर्ग को भी सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों से जुड़ने का सशक्त संदेश देता है।