लखनऊ में गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक यात्राओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में यात्राओं की एक लंबी परंपरा रही है, जो लोगों में चेतना जागृत करने का काम करती है। सीएम योगी ने भारत को आदिकाल से एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में पहचान दिलाने वाली इन यात्राओं को सनातन आस्था से जोड़ा और कहा कि ये यात्राएं देश को एकता के सूत्र में जोड़ती हैं।
सीएम योगी ने आगे बताया कि भारतीय ऋषियों ने इस यात्रा परंपरा की शुरुआत की थी, जो अब तक जीवित है। उन्होंने गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा की शुरुआत को भी महत्वपूर्ण बताया, जो 2019 से सीमावर्ती क्षेत्रों में निकाली जा रही है, जिससे वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री ने वनटांगिया गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि 2017 से पहले इस गांव में कोई विकास नहीं हुआ था, और वहां के लोगों के पास राशन कार्ड तक नहीं थे। 2017 के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन गांवों में विकास कार्यों को गति दी और वहां के लोगों का शोषण रोकने के लिए कदम उठाए।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा यात्रा को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और इसे लेकर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।