उत्तर प्रदेश में गोमती नदी को लेकर सियासत तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती पुनर्जीवन योजना शुरू की है, जिसका मकसद सीवर और गंदा पानी सीधे नदी में न गिरने देना है। लेकिन इस योजना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अब बताइए, अगर सीवर गोमती में नहीं गिरेगा तो कहां गिरेगा? उनका तंज था कि सरकार को केवल अपने कार्यकाल के अंत में ही नदियों की याद आई।

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने गोमती और वरुणा नदी के लिए जो मॉडल तैयार किया था, वही असली और कारगर था। वर्तमान सरकार केवल दिखावटी योजनाएं कर रही है और बजट की सफाई कर रही है, नदियों की नहीं। यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार हर अच्छी पहल को बर्बाद करने और निजी लाभ के लिए बदलने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि बड़े बिजनेस घरानों को रियल एस्टेट और भूमि बैंक बनाने की खुली छूट दी जा रही है, जबकि किसानों की जमीन और फसल को लूटा जा रहा है।

सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों को लेकर भी अखिलेश ने डबल इंजन सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दीपावली तक सोने का भाव 1.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे गरीब लोग अपनी बेटी की शादी तक मुश्किल से कर पाएंगे। यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल भ्रम फैलाने के लिए स्वदेशी का झूठा प्रचार कर रही है, जबकि नीतियां विदेशी हितों के अनुकूल हैं।

किसानों की समस्याओं पर भी यादव ने सरकार को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर इको सिस्टम का वादा केवल दिखावा है। किसानों को खाद नहीं मिल रही, गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी और सरकार केवल बड़े व्यापारिक घरानों को फायदा पहुंचा रही है। यादव ने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था भी पूरी तरह प्रभावशाली नहीं है और भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण मिल रहा है।

अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास कोई ठोस मॉडल नहीं है और उनका रवैया केवल निजी और कॉर्पोरेट हितों को बढ़ावा देने वाला है।

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