अब गाँव भी बदल रहे हैं। जहाँ पहले सिर्फ शहरों में ही सफाई और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था दिखती थी, अब वही सुविधाएं उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी लागू होने जा रही हैं। लखनऊ जिले में एक सराहनीय पहल के तहत 100 नई ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन शुरू किया जा रहा है, जो गाँवों को साफ-सुथरा और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा।
क्या हैं पूरा मामला??
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) को लेकर एक नई पहल की शुरुआत हुई है। अब शहरों की तर्ज पर गाँवों में भी डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था शुरू की जा रही है, जिससे ग्रामवासी भी साफ-सफाई की आधुनिक सुविधाओं से जुड़ सकें।
इस अभियान को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अगुवाई लखनऊ के जिलाधिकारी (DM) श्री विशाख जी अय्यर ने की, जिन्होंने अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को दिशा-निर्देश दिए और उनके सहयोग के लिए उन्हें सम्मान पत्र भी भेंट किए।
DM ने कहा कि यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को भी आत्मनिर्भर और स्वच्छ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
प्रशिक्षण कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था….
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की तकनीकी और प्रक्रियात्मक जानकारी देना।
- ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करना।
- आगामी चरणों में अभियान को और अधिक पंचायतों में विस्तार देना।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जिससे ग्राम पंचायत स्तर पर भी जागरूकता और उत्साह देखने को मिला।