Uttarkashi Cloud burst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की भयावह घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है। मौसम की लगातार खराबी के चलते अब तक बचाव कार्य सीमित स्तर पर चल रहा था, लेकिन अब मौसम में सुधार की उम्मीद के साथ भारतीय सेना ने अगले 24 से 48 घंटों के लिए व्यापक रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना तैयार कर ली है।

भारतीय सेना के अनुसार चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को जॉलीग्रांट एयरबेस पर तैनात किया गया है। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो 7 अगस्त से ही फंसे हुए नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सेना के साथ-साथ SDRF और ITBP भी संयुक्त रूप से बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। अभी तक धराली, भटवारी, मातली और हर्षिल क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों की मदद से नागरिकों को राहत पहुंचाई जा रही है।

गंगोत्री में फंसे लगभग 180 से 200 टूरिस्टों को सेना और ITBP द्वारा खाना, चिकित्सा सुविधा और ठहरने की व्यवस्था दी गई है। इन्हें नेलोंग हेलीपैड से चिनूक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर लाया जाएगा। इसके अलावा NDRF और मेडिकल टीमों को MI-17 हेलीकॉप्टरों से नेलोंग भेजा जाएगा।

सेना के मुताबिक, धराली और टेकला के आगे सड़क मार्ग अभी भी अवरुद्ध है और सड़कें बहाल करने का काम लगातार चल रहा है। हर्षिल और नेलोंग में सैन्य हेलीपैड पूरी तरह चालू हैं जबकि धराली का सिविल हेलीपैड लैंडस्लाइड के कारण बंद पड़ा है।

अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है। इस आपदा में 3 नागरिकों की मृत्यु की पुष्टि हुई है जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। सेना के 1 जेसीओ और 8 जवानों से संपर्क नहीं हो पाया है। 9 सैन्यकर्मी और 3 नागरिकों को एयरलिफ्ट कर देहरादून पहुंचाया गया है। गंभीर रूप से घायल 3 लोगों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है और अन्य घायलों का इलाज उत्तरकाशी जिला अस्पताल में चल रहा है।

भारतीय सेना, वायुसेना, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन आपसी समन्वय से इस आपदा से निपटने में जुटे हैं और अगले दो दिनों में स्थिति को नियंत्रण में लाने का लक्ष्य रखा गया है।

"हमने कभी सोचा नहीं था!"..Uttarkashi के धराली गांव के लोगों ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में क्या कहा?

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