वाराणसी। पहाड़ी इलाकों में ही रही लगातार बारिश से नदिया का जलस्तर उफान पर है। पहाड़ों पर बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ पहाड़ों पर बारिश से उफान पर आई नदियों से भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हुई है। वही नदियों के उफान से मैदानी क्षेत्र के लोगों में बाढ़ का ख़ौफ बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में गंगा नदी विगत दो दिनों से उफान पर है। महज दो दिनों में ही गंगा का जलस्तर करीब 3 मीटर से अधिक बढ़ गया है। जिसके कारण बनारस के 84 घाटों का आपसी संपर्क टूटने लगा है और घाट की सीढ़ियों के पास बने मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गई है। गंगा किनारे पूजा करवाने वाले पुरोहित अब घाटों के ऊपर आ गए है। वही नाविकों ने गंगा के उफान को देखते हुए छोटी नावों पर रोक लगा दिया है। जबकि जल पुलिस ने नाविकों को अपनी नावों में निर्धारित क्षमता से आधे यात्रियों को बैठाने का निर्देश दिया है।


घाट किनारे डूबे प्राचीन मंदिर, प्रशासन ने दी चेतावनी…
गंगा में तेजी से बढ़ रहे गंगा का जलस्तर अब लोगो को डराने लगा है। गंगा घाट किनारे रहने वाले लोग बाढ़ की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने की तैयारी में जुट है। स्थानीय लोगो के अनुसार विगत दो से तीन दिनों में गंगा का जलस्तर जितनी तेजी से बढ़ा है, ऐसे में यदि स्थिति ऐसी ही रही तो तीन से चार दिनों में बनारस में बाढ़ जैसे हालत हो जाएंगे। वही गंगा किनारे पूजा करवाने वाले तीर्थपुरोहित ने बताया कि दो दिनों में गंगा का जलस्तर इतना तेजी से बढ़ा कि गंगा किनारे सीढ़ियों के पास स्थित दर्जनों मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लगातार जल पुलिसकर्मी लोगो को सुरक्षित तरीके से स्नान करने, नावों पर क्षमता से आधे यात्रियों को बैठाने और गहरे पानी में नहीं जाने की अपील कर रहे है।


दो दिनों में बदला गंगा का नजारा, बदल सकती है गंगा आरती का स्थल…
वाराणसी में विगत दो दिनों में तेजी से गंगा के जलस्तर बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में मंगलवार को करीब 5 सेमी प्रतिघंटे की बढ़ोतरी गंगा के जलस्तर में दर्ज की है। जबकि बुधवार को करीब 1 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। आंकड़ों के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर करीब 62.28 मीटर तक पहुंच गया है,जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से करीब 8 मीटर की दूरी पर है। जबकि खतरे के निशान 71.26 मीटर से 9 मीटर की दूरी पर है। विगत दो दिनों में गंगा के जलस्तर में हुए बढ़ोतरी से गंगा किनारे का नजारा बिल्कुल बदल गया है। घाटों का आपसी संपर्क टूटने लगा है, तो घाट किनारे स्थित मंदिर डूब गए है। वही जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो जल्द ही वाराणसी में होने वाले विश्व प्रसिद्ध मां गंगा के आरती स्थल को भी बदलना पड़ सकता है।