Rubber Band While Taking Blood Sample: क्या आपने कभी सोचा है कि खून की जांच से पहले डॉक्टर क्यों आपकी बांह पर एक रस्सी या रबर बैंड (टॉर्निकेट) बांधते हैं? शायद 90% लोगों को इसका सही कारण नहीं पता होगा। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के बारे में…..
जब खून की जांच के लिए सुई डाली जाती है, तो नसों से खून निकालना होता है। हालांकि, नसें कभी-कभी त्वचा के नीचे गहरी या छोटी होती हैं, जिससे इन्हें ढूंढना मुश्किल हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए डॉक्टर या नर्स आपकी बांह पर एक रस्सी बांधते हैं। यह टॉर्निकेट खून के बहाव को धीमा कर देता है, जिससे नसें उभरकर साफ दिखाई देने लगती हैं। इससे सुई को सही जगह डालना बहुत आसान हो जाता है।
कैसे काम करता है टॉर्निकेट?
टॉर्निकेट को बांह पर कसकर बांधने से नसों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे खून नसों में जमा हो जाता है और नसें बाहर उभर आती हैं। इससे डॉक्टर को नस ढूंढने में आसानी होती है, और खून निकालने की प्रक्रिया तेज और कम दर्दनाक बन जाती है।
क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है?
हां, यह पूरी तरह से सुरक्षित है। टॉर्निकेट केवल कुछ मिनटों के लिए बांधा जाता है और यह केवल प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसे ज्यादा देर तक नहीं बांधने से मरीज को कोई परेशानी नहीं होती। हालांकि, अगर इसे अत्यधिक कस दिया जाए, तो असहजता हो सकती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है।
क्यों जरूरी है यह कदम?
यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि बिना टॉर्निकेट के नसों को ढूंढना मुश्किल हो सकता है, खासकर उन मरीजों के लिए जिनकी नसें छोटी या गहरी होती हैं। गलत जगह सुई लगाने से दर्द या सूजन हो सकती है, इसलिए टॉर्निकेट का उपयोग सही तरीके से किया जाता है।
अगली बार जब डॉक्टर आपकी बांह पर रस्सी बांधें, तो समझिए कि यह नसों को उभारने और खून निकालने की प्रक्रिया को सरल और सटीक बनाने के लिए है। यह छोटा सा कदम मेडिकल जांच में एक बड़ा फर्क डालता है। अब आप उन 10% लोगों में से एक हैं, जो इसके सही कारण को जानते हैं!