RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। RBI ने अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव करते हुए रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती की घोषणा की है। अब यह रेपो रेट 6.0% हो गया है। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन, लोन रेट्स और ईएमआई पर पड़ेगा। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने एकमत होकर यह निर्णय लिया है।

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक, कमर्शियल बैंकों को उधारी देता है। इसे “परचेज़ एग्रीमेंट रेट” भी कहा जाता है। जब RBI अपनी रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका लाभ बैंकों को सस्ते पैसे के रूप में मिलता है। इसका मतलब यह होता है कि बैंकों को सस्ते पैसे मिलेंगे, और यह सस्ते पैसे का फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। इसका असर होम लोन, कार लोन, और अन्य ऋणों की ईएमआई पर भी पड़ेगा, जिससे लोन लेना सस्ता हो जाएगा।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच RBI का कदम

आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल के साथ हुई है। खासकर, अमेरिका द्वारा भारत के एक्सपोर्ट पर लगाए गए टैरिफ के कारण कुछ वैश्विक अनिश्चितताएं उत्पन्न हो गई हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए RBI ने यह कदम उठाया है।

रेपो रेट में कमी का असर

यह निर्णय 7 से 9 अप्रैल के बीच हुई MPC बैठक में लिया गया था। इस फैसले का सीधा असर बैंक के लोन और ईएमआई पर पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। यह लगातार दूसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है। इससे पहले, फरवरी 2025 में रेपो रेट को घटाकर 6.25% किया गया था।

Loan लेने वालों को मिलेगा फायदा

आरबीआई के इस फैसले से होम लोन, कार लोन और अन्य ऋण लेने वालों को सीधे तौर पर फायदा होगा। जैसे, अब लोन की ईएमआई में कमी आएगी। हालांकि, जमाकर्ताओं के लिए इस फैसले में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है, क्योंकि जमा दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है।

महंगाई पर काबू पाना और वृद्धि को बढ़ावा देना

RBI का मुख्य उद्देश्य महंगाई को 2% से 6% के बीच बनाए रखना है। वर्तमान में भारत इस बैंड में बना हुआ है, और अब RBI का फोकस आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने पर रहेगा। इससे छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स और आम जनता को आर्थिक राहत मिल सकती है। RBI की इस रेपो रेट कटौती से लोन लेने वालों को फायदा होगा, लेकिन जमाकर्ताओं को इसका कोई खास फायदा नहीं होगा।

RBI की रेपो रेट में कटौती का यह कदम मिडिल क्लास और लोन लेने वालों के लिए बहुत राहत देने वाला है। अब लोन लेना सस्ता हो जाएगा, जिससे घरेलू उपभोक्ता और व्यवसायों को इसका सीधा फायदा होगा।

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