लखनऊ। पंकज त्रिपाठी स्टारर पॉपुलर वेब सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस अपने आखिरी और सबसे बहुप्रतीक्षित मोड़ पर पहुंच चुकी है। सीरीज का फाइनल एपिसोड इस गुरुवार 3 जुलाई को रिलीज़ होगा और दर्शकों में उत्सुकता चरम पर है, क्या वाकई माधव मिश्रा कातिल तक पहुंच पाएंगे?
पिछले एपिसोड में क्या मिला सुराग?
अब तक के सबसे दिलचस्प घटनाक्रम में माधव मिश्रा को एक रहस्यमयी दवाई की बोतल हाथ लगी, जिससे उन्हें यकीन है कि यही कातिल तक पहुंचने की सबसे मजबूत कड़ी है। दर्शकों के बीच इस एपिसोड के बाद तमाम थ्योरीज वायरल हो रही हैं, कुछ इरा को दोषी मानते हैं तो कुछ अंजू नागपाल की संदिग्ध हरकतों पर शक जता रहे हैं।
क्या ‘अंजू’ असली कातिल है?
पिछले एपिसोड में दिखाया गया था कि ‘अंजू’ ने ‘इरा’ को जानबूझकर दूध और दवा दी थी, जबकि उसे पता था कि इरा लैक्टोज इंटॉलरेंट है। उस सीन के तुरंत बाद इरा का अजीब व्यवहार और एलर्जिक रिएक्शन इस बात की ओर इशारा करता है कि कुछ बड़ा छुपाया जा रहा है। क्या यह सिर्फ एक एलर्जी थी या कातिल को छुपाने की एक चाल?
माधव मिश्रा का केस का नजरिया
शुरुआत से ही माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) ने हर पहलू को बहुत गहराई से परखा। दूसरे एपिसोड में उनकी अंजू नागपाल से बातचीत, फिर इरा के व्यवहार का विश्लेषण और फिर दवाई की बोतल ये सारे संकेत आखिरी एपिसोड में जाकर जुड़ने वाले हैं।
क्या इरा है मासूम या फिर सबके मास्क के पीछे है वो चेहरा?
इरा के बनाए गए स्केच भी रहस्य को और गहरा करते हैं। क्या वो सिर्फ ड्राइंग कर रही थी या किसी दर्दनाक सच की कहानी अपने ही अंदाज़ में बयां कर रही थी? क्या अंजू अपनी बेटी को बचाने के लिए झूठ बोल रही थी? या फिर कोई तीसरा ही शख्स असली कातिल है?
3 जुलाई को आएगा जवाब
फिनाले एपिसोड के साथ कई सवालों के जवाब मिलेंगे कातिल कौन है? अंजू, इरा और राज के बीच क्या है राज़?
क्या माधव मिश्रा केस को सुलझा पाएंगे या इस बार दिमागी दांव हार जाएगा?