International Yoga Day 2025: हर साल 21 जून को जब सूरज अपनी सबसे ऊँचाई पर होता है, तब दुनिया भर में लाखों लोग एक साथ योग के जरिए खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल एक दिवस नहीं, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि स्वास्थ्य कोई लक्ज़री नहीं बल्कि ज़रूरत है — और योग इसका सबसे सशक्त माध्यम है।

क्यों ज़रूरी है योग आज के दौर में?
आज की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में जहाँ मानसिक तनाव, नींद की कमी, और शारीरिक बीमारियाँ आम होती जा रही हैं, वहीं योग हमें संतुलन का रास्ता दिखाता है। यह केवल शरीर को लचीलापन ही नहीं देता, बल्कि मन को भी स्थिर करता है। जब हम कहते हैं “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”, तो इसका मूल अर्थ यही है — कि अगर हम खुद स्वस्थ होंगे, तो हमारा समाज और पर्यावरण भी उसी ऊर्जा को महसूस करेगा।

क्यों मनाते हैं 21 जून को योग दिवस?
21 जून को इसलिए चुना गया क्योंकि यह साल का सबसे लंबा दिन होता है और यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत खास माना जाता है। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी। 2015 में दिल्ली में हुए पहले योग दिवस ने ही दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाले।

2025 की थीम: “One Earth, One Health”
इस साल की थीम सिर्फ एक नारा नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है — अपनी और इस धरती की सेहत की जिम्मेदारी। इस बार के आयोजन में “योग संगम” जैसे इवेंट देशभर में 1 लाख से अधिक स्थानों पर हो रहे हैं, जो योग को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास हैं।